Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 571
________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य गद्य रूपगर्भित अष्टादशजिनस्तोत्र अस्मद् युष्मद् रूपगर्मित-अवचूरि १५७२१, उपशमकुलक कागज .....वि. १६मी (१०:२४४.५) गा. १० अपनं संपूर्ण कागज वि. १८मी :/१०.५४४.५ १५७२३ पडिलेहणाकुलक सस्तबक पडिलेहणाकुलक पडिलेहणाकुलक-स्तबक १५७८६ चतुर्विशतिजिनस्तुति श्रेष्ठ विजयविमल गणि वानर्षि गा.३४ मारुगूर्जर संपूर्ण मध्यम कागज ! वि.१०मी (९.५४४.२) धर्मघोषसरि जय वृषभजिनाभिष्ट्रयसे संपूर्ण वि.१६मी. .(१३) पद्य १५८०९ सिद्धदण्डिकाविचारआदि... (4.9) सिद्धदण्डिकाविचार (ये.२) भगवतीसूत्रनी टीकानो हिस्सो पुद्गलषद्विशिका-अवचूरि (ये.३) वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण (१०.५४४.५ (पे.पू. १-२) (प.पृ. २३) गद्य (पे.पृ. ३-४) अवचरि गद्य (पे.४) भयस्थितिस्तव-अवचूरि (पे.५) निगोददिबशिका-टीका ... (पे.६) अल्पबहुत्व-अवचूरि ... (पे.) कायस्थितिप्रकरण-अवचूरि. (पे.८) भाष्यत्रय-अवचूरि मगल्यस्तोत्र /पे ) गद्य गद्य (पे...३::. (पे.पू.५६) (पे.पू.६-२) प.पू.५-2. (पे.पू. ८-१२). (१०.५४४.५. (प.पू.१-22. (प.पू. २२). श्रेष्ठ धर्मसरि श्लोक १४ गा.८ पद्य (पे.२) सदभक्त्यास्तोत्र (पे.३) चत्तारिअठ्ठदसदोयसूत्र-वृत्ति देवेन्द्रसूरि श्रेष्ठ कागज वि. १६मी. कर्ता देवेन्द्रसूरिथी अन्य..(१०.५४४). प्रत्याख्यानभाष्य गा.५७ पथ :१५८२४ : पाशाकेवली १०मी (१०.२४४.५ श्रेष्ठ गर्गर्षि पासाकेवली

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