Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 572
________________ ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता भाषा । कागज वि. १८मी...३... श्रेष्ठ :विनयदेवसूरि विनयदेवसूरि श्रेष्ठ संपूर्ण मारुगूजेर :गा. ९२ मारुगूर्जर... गा.३१ संपूर्ण कागज (१०.५४४.२) (पे.पू. १-२) (पे.पू. २:32.. (१०.२४४.५) 05 वि. १६मी (प.प्र. 9A-9B) मन्नह जिणाण आणमिच्छं: पद्य :मारुगजर i(प.प्र.२B) १६११६ : प्रथमआश्रवद्वारकुलक आदि (पे.१) प्रथमआश्रवद्वार कुलक (पे.२) बाणुजिननामस्तवन .... १६१४० श्रावकदिनकृत्यकुलक सह टवार्थ व महावीरस्तुति (पे.१) आवकदिनकृत्यकुलक मन्नहजिणाणं सज्झाय मन्नहजिणाणं सज्झाय-टबार्थ (पे.२) वीरजिनस्तुति महावीरस्तुति... १६१६० द्वादशार नयचक्र की न्यायागमानुसारिणी टीका द्वादशार नयचक्र-न्यायागमानुसारिणी टीका : सामुद्रिकशास्त्रसस्तबक सामुद्रिकशास्त्र सामुद्रिकशास्त्र-स्तबक १६१६८ । सामुद्रिकशास्त्र श्रेष्ठ संपूर्ण कागज । वि. १७१४ ४७५ (३१६) अन्त के कुछ पत्र नहीं है..(१०.५४४.७) सिहसूरि क्षमाश्रमण गं. १८००० जयति नयचक्रनिजित गद्य श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि. १७९१ . २८ (२८ श्लोक १८ मारुगुर्जर श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि.१७मी : (१०.२४४.५) श्लोक १८ १६१७८: देववन्दनादिभाष्य गद्य अवचूरि :श्रेष्ट संपूर्ण कागज :वि.१६मी : देवेन्द्रसूरिथी अन्य. कर्ता छे..(१०x४.५) पञ्चपाठ । देवेन्द्रसूरि कृतथी अन्य. (गद्य?) संपूर्ण :वि. १४७६ (१०.५४४.५) देववन्दनादिभाष्य देववन्दनादिभाष्य-अवचूरि चतुर्विशतिजिनस्तुति सावचूरि पञ्चपाठ. (पे.१) चतुर्विशतिजिनस्तुति सह अवचरि चतुर्विंशतिजिनस्तुति चतुर्विशतिजिनस्तुति-अवचूरि ...... (प.पृ. १-३) नमेन्द्रमौलिगलितो 555

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