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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
स्थिति कर्ता
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
जिनशतकमहाकाव्य
जम्बू
पद्य
का. १०० ग्रं. ५००
गद्य
जिनशतकमहाकाव्य-अवचूरि १८०: नवकारबालावबोध
: मध्यम
कागज
.१०.२४४.५)
नवकार-बालावबोध
मारुगर्जर
संपूर्ण
कागज
: (१०x४.५)
BE:
पंचपाठ
कागजवि . १४९७
(१०.५४४.५)
श्लोक५०
संपूर्ण
कागज
ग्रन्थान-२७५, गाथा-१६३...(१०.२४४-५)..
वि. १६९६... वि. १६९६ ...
मारुगजर
! गा. ३०० ग्रं. २७५
कागज
संपूर्ण
(१०x४.५)
प्रा.,सं.,अपभ्रं.
का. ३०
प्राकृत आदि छ भाषाओ.
लब्धिस्तोत्र सावचूरि
श्रेष्ठ लब्धिस्तोत्र लब्धिस्तोत्र-अवचूरि एकाक्षरनाममाला एकाक्षरीनाममाला
सुधाकलश १७३१९ ध्यानस्वरूपरास
श्रेष्ठ ध्यानस्वरूपनिरूपणप्रबन्ध
भावविजयजी षड्भाषागर्भित-ऋषभ, शान्ति, नेमि, श्रेष्ठ पार्च, महावीर पञ्चक स्तोत्र टिप्पणी सह आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीरजिनपञ्चक षड़भाषामय स्तवनपञ्चक आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीर पञ्चक स्तोत्र
टिप्पणी १७५३८ अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ छन्द अन्तरीक्ष पार्श्वनाथ छन्द
भावविजयजी १७६८९ ज्ञानसार बालावबोध सह
श्रेष्ठ ज्ञानसार अष्टक
यशोविजयजी गणि ज्ञानसार अष्टक-बालावबोधार्थ 1 १७७१७ श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति-वन्दारुवृत्ति ।
श्रावकषडावश्यकसूत्र-वन्दारु वृत्ति देवेन्द्रसूरि | १७९५८ उपदेश कुलक सस्तबक आदि ......जीर्ण
संपूर्ण
:कागज
वि.१1०७५
(१०x४.५)
:गा. ५१
पद्य
मारुगुर्जर संपूर्ण
कागज
(४३)
(९.२४४.२) ३२ अष्टक..
अध्याय ३२
ऐन्द्रश्रीसुखमग्नेन
मारुगुर्जर संपूर्ण
मध्यम
कागज
वि.१८५०
: १०४
(११X४.७)
गं.
go
:वृन्दारुवन्दारक
मात्र प्रतिक्रमण ऊपर के षडावश्यक ऊपर? :(११४५)
कागज
वि. १९मी.८
560