Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
स्थिति
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
EE
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
सम्यग्दर्शनशुद्धं
कृति प्रकार गद्य (२६).
संपूर्ण
कागज
:३७
(१०.५४४.५).
श्लोक १३५१
पच
गद्य
तत्वार्थाधिगमसूत्र-भाष्य
उमास्वाति १६६३० । अभिज्ञानशाकुन्तलनाटक टिप्पणी सह श्रेष्ठ अभिज्ञानशाकुन्तलनाटक...
: कालिदास अभिज्ञानशाकुन्तलनाटक-टिप्पणी
..अज्ञात शीलोपदेशमाला प्रकरण
श्रेष्ठ शीलोपदेशमाला
जयकीर्तिसूरि १६६५७: विवेकमञ्जरी प्रकरण
श्रेष्ठ विवेकमजरीप्रकरण
आसड १६६७० शशधरप्रकरण.
श्रेष्ठ शशधर शर्मा
संपूर्ण
कागज
(6)
(१०.५४४.५).
गा.११६
आबाल चम्भयारिनेमि
कागज
वि.१५८९
संपूर्ण प्रा.
रचना संवत-१२७८., (१०.२४४.५).
गा.१४४
वि. १२८८
सत्थवा
पद्य
संपूर्ण
:कागज
वि. १५४१..
(२१)
(१०.५४४.५.
पद्य
:१६७२५ : ध्यानस्वरुप
श्रेष्ठ
कागज
(१०.२४४.२)
गा. ३०० ग्रं. २७५. वि. १६९६....
भावविजयजी जीर्ण सुधर्मास्वामी
संपूर्ण मारुगूर्जर संपूर्ण प्रा. संपूर्ण
ध्यानस्वरूपनिरूपणप्रबन्ध १६७३४ औपपातिकोपागसूत्र अपूर्ण
औपपातिकोपाङ्गसूत्र १६७३६ औपपातिकोपागसूत्र .
कागज
(१०.५४४.२)
तेणं कालेणं तेणं
ग्रं. ११६७ कागज
श्रेष्ठ
.... वि. १५८५.... ३४
तेणं कालेणं तेणं
। (२४)...........
.(१०.५४४.२.
..................
गं. ११६७
कागज
८३
(५४) .............: ग्रन्थान-४३००..(१०.२-१२४४.२)
सुधर्मास्वामी श्रेष्ठ सुधर्मास्वामी अभयदेवसूरि मध्यम
गं. ११६७
तेणं कालेणं तेणंश्रीवर्तमानमानम्य
ग्र.४300
कागज
(५६).....
(१०.५४४.५)
ग्रं. ११६७
१६७३७ औपपातिकोपाङ्ग सटीक पञ्चपाठ
औपपातिकोपाड़गसूत्र
औपपातिकोपागसूत्र-टीका १६७३८ औपपातिकोपाग सटीक पञ्चपाठ
औपपातिकोपाडगसूत्र औपपातिकोपागसूत्र-टीका . तत्त्वार्थाधिगमसूत्रभाष्य-वृत्ति तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-स्वोपज्ञभाष्य नी।
टीका १६७७२ वीतरागस्तोत्र सावरि पञ्चपाठ.
वीतरागस्तोत्र
ग्र.४300
सुधर्मास्वामी अभयदेवसूरि श्रेष्ठ सिद्धसेन
तेणं कालेणं तेणं श्रीवर्द्धमानमानम्य २८२ वीरं प्रणम्य सर्वज्ञ
कागज
वि. १६५४
गद्य (१९०)... गद्य
चित्र पृष्ठिका सह, (१०.५४४.५) ... वृत्ति भाष्य उपर पण छे.
ग्रं.२२२८२
श्रेष्ठ
कागज
(७)...
मूल ग्रन्थान-१८६...१९:२४४:५).. प्रकाश-२०.
हेमचन्द्रसूरि
अध्याय २० ग्रं.
यः परात्मा परज्योत
पद्य
१८७
558

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