Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 560
________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कृति प्रकार संपूर्ण कागज (७५) ग्रन्थान-४४५४ (मूल साथे?)..(१३.५४५.२) १४८४६ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिचूर्णीसूत्र जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-चूर्णी ग्रे. १८६९ विणयविरतियकर : वि. १५०२ णमिऊण विणयविरतियकर .:.वि.१६मी...६१ सुर्य मे आउसं तेणं. वि.१५७१ ।२३ नमो अरहन्ताणं। जम्बू :१४८४७ - स्थानाडगसूत्र. कागज (६२). ग्रन्थाग-३७७०...(१३.५४५:२.... ग्रं.३३०० श्रेष्ठ : सुधर्मास्वामी श्रेष्ठ सुधर्मास्वामी श्रेष्ठ संपूर्ण कागज (२४) श्लोक-१३३९..(१३.५४५.२) प्रा... :ग्रं. १३५० गर संपूर्ण कागज ! वि.१५७२ (२०) ग्रन्थान-११०९.. (१३.५४५.५) १४८४८ प्रश्नव्याकरणागसूत्र प्रश्नव्याकरणसूत्र १४८४९ : निरयावलिकासूत्र निरयावलिकादिपञ्चोपागसूत्र १४८५१: आचारागसूत्रचूर्णि आचारागसूत्र-चूणी १४८५२ उत्तराध्ययनसूत्रबृहद्वृत्ति पाईयटीका ग्र.११०० तेणं कालेणं तेणं गद्य (१२८.......... प्रा. संपूर्ण प्रा.स. संपूर्ण कागज ग्रं.८३०० कागज ...वि. १५८०..... १२८ मङगलादीणि सत्थाणि गद्य जीर्ण ! वि. १५३८ ३३१ (३३१) ... श्लोक १३३४५. पद्य उत्तराध्ययनसूत्र-बृहदवृत्ति १४८५३ : निशीथसूत्रचूर्णि शान्तिसूरि वादिवेताल श्रेष्ठ सं..प्रा.. संपूर्ण शिवदाः सन्तु तीर्थेश :वि. १५६३४५१ पत्र १०७-१०८ भेगा छे. अने २१४९ पत्र डबल छे...(१३४५.२) मूल साथे ग्रन्थान-१८०००. पत्र १७३ थी १९१ सुधीना पत्रांको लेखकना प्रमादथी छुटी गया छे. पण सम्बन्ध तूटतो नथी.. (१२.9X4) कागज निशीथसूत्र-विशेष चूर्णि मिऊण रहन्ताणं सिद्ध पद्य जिनदास गणि क्षमाश्रमण श्रेष्ठ प्रा. .......... संपूर्ण श्लोक २८००० ग्रं.१७८८४ कागज १४८५४ जीवाभिगम सूत्र वृत्ति । वि. १५७२ २३८ । (२३७) प्रथम पृष्ठमां समोवसरणनुं चित्र छे.. (१३.२४५.२) मलयगिरिसरि गं. १४००० गद्य जीवाभिगमसूत्र-वृत्ति १४८५५. अनुयोगद्वारसूत्रचूर्णि... अनुयोगद्वारसूत्र-चूर्णी संपूर्ण (१३.७४५.२.. वि. १५८५२७ वि.७मी किञ्चि पञ्चविहायार (२९). गद्य जिनदास गणि ग्रं.२२६८ क्षमाश्रमण कागज वि. १६मी ११०३ १४८५६ : ओघनियुक्ति सटीक ओघनियुक्ति श्रेष्ठ भद्रबाहुस्वामी (१०४) पद्य ग्रन्थान-८२२५..(१३.२४५.७).. गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे. प्रा. दुविहोवक्कमकालो सामा गा. ११६३ ग्रं. १४३२ 543

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