Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष क्रति विशेष, पेटॉक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
ज्ञानाणेवसारोद्धार
ग्रं. ६२२
शुभचन्द्राचार्य (दिगम्बर) ........
गद्य
जीर्ण
संपूर्ण
वि.१.मी
१०३
(१०७)
पत्र १२-१३ भेगा छे..(१२४४.७)
श्लोक 1929
पद्य
ज्ञानार्णवसारोद्धार-टिप्पणी भवभावनाप्रकरणसक्षिप्तवृत्तिसह
भवभावनाप्रकरण-सडिक्षप्तवृत्ति १४८९८ : विपाकसूत्रवृत्ति
विपाकसूत्र-वृत्ति :१४८९९ : विक्रमचरित्र
:श्रेष्ठ
: संपूर्ण
कागज
वि. १६मी
(१२४४.७)
(२१) गद्य
अभयदेवसूरि
२२ नत्वा श्रीवर्द्धमाना २००
गं. ९००
श्रेष्ठ
: संपूर्ण
कागज
वि. १५६२
:पत्र ११२ मुंडबल अने छेल्लुं पत्र जीर्ण छे.,
श्लोक ६०२०
रामचन्द्रसुरि श्रेष्ठ
१४९००: विवेकविलास
संपूर्ण
कागज
। (१२४४.५)
:जिनदत्तसार
वि. १४९० वि. १४५६...५० .वि. १४९३... वि. १६०७ २२
तेणं कालेणं तेणं
१४९०१ : उपासकदशाङ्गसूत्र
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
सुधर्मास्वामी
ग्रं.८१२
(१२४४.५) पूर्णभद्र कृत 'दशश्रावकचरित्रचूर्णि'मां 'सप्तमाङ्ग चूर्णि' एम नाम लखेल छे. प्रति शुद्ध छे.. (१३४४.७) प्रस्ताव-८./विशिष्ट रचना प्रशस्ति.
श्रेष्ठ
कागज
१४९०३ : उपमितिभवप्रपञ्चकथा
उपमितिभवप्रपञ्चा कथा
वि. १५७३......२२८. वि.९६२ नमो निनाशिताशेषमहा
सिद्धषि गणि
सं.
अध्याय ८ ग्रे. १६००० कागज
संपूर्ण
वि. १५४९
: १२३
: (१२३)
: पत्र ९४ मुंनी ..(१२.४५)
१४९०५ : श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रसटीक
श्रेष्ठ अर्थदीपिकावृत्ति आवकप्रतिक्रमणसूत्र श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-अर्थदीपिकावृत्ति रिलशेखरसूरि.. पञ्चाङ्गीवृत्ति
जीर्ण
गा.५०
वन्दित्तु सम्वसिद्धे
ग्रं.EE४४
.वि. १४९E
कागज
वि. १५३८
१०७
(पे.१) उपासकदशागसूत्र-वृत्ति (पे.२) अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र-अभयदेवीय
ग्र.९००
अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि
प्रथम पृष्टमां समोवसरणनुं चित्र छे. अने १२ तथा४मुं डबल छे..(१३४५.२) (पे.पू. १-१५) (प.पृ. १५-१९)
श्रीवर्द्धमानमानम्य अथान्तकृद्दशासु किम
ग्रं. १३५६
गद्य
वृत्ति
अभयदेवसूरि
ग्र.१०५
अथानुत्तरौपपातिकदशा । : गद्य
(पं.पू. १९-२१)
(पे.३) अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्रवृत्ति
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