Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 513
________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र स्थिति पूर्णता प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कति प्रकार ग्र.४११ गद्य : मध्यम संपूर्ण कागज वि. १६मी :आ प्रति रिक्तलिपिचित्रमय छे., (१०.५४४.५) बन्धोदयसत्ताप्रकरण-अवचूरि ११०१४ शाश्वतजिनभवनसङ्ख्या सावचूरि पञ्चपाठ शाश्वतजिनभवनसङ्ख्या शाश्वतजिनभवनसडख्या-अवचरि ११०१७ श्रावकव्रतभड़गप्रकरण सावचूरि देवेन्द्रसूरि प्रा. :गा. २५ गद्य श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि. १६मी : (१०.५४४.५) पञ्चपाठ श्रावकव्रतभडगप्रकरण गा.४१ श्रावकवतभडगप्रकरण-अवचरि ११०१९ ज्ञानपञ्चकभेदसख्यास्तव श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि.१५३१ (१०.२४४.५) ............ जिनकीर्तिसरि श्लोक १३ पद्य ११०२० ज्ञानपञ्चकविवरणप्रकरण.. संपूर्ण कागज वि. १७मी. .(१०.२४४.५. पद्य गा.२६ कागज ......... गा.७3 वि.१५१९. (१०x४.५) पद्य मध्यम हरिभद्रसूरि जीर्ण जिनप्रभसूरि श्रेष्ठ रत्नसिहसूरि रलसिंहसरि. रलसिंहसूरि ११०२५ पिण्डालोचनाविधानप्रकरण पिण्डालोचनाविधानप्रकरण ११०२६ आगमतत्त्वचिन्ताभावनाचूलिका आदि (पे.) आगमतत्त्वचिन्ताभावनाचूलिका (पे.२) संवेगामृतभावना .... (ये.३) संवेगामृतपद्धति संपूर्ण वि. १६मी कागज श्लोक २४ पद्य श्लोक २५ प श्लोक ४३ शिष्याः श्रीधर्मसूरी पद्य ११०२७/तत्त्वसार आदि कागज .... वि.१७मी (१०.२४४.५) (प.पू. 9). प.पू..?. (ये.प्र. ?) .वि. : श्लोक-४० के बाद "अयं अन्यकृतः" ऐसा लिखा हुआ है.]. (१०.२४४.५ (पे.पू.... (प.पू. १).. (प.पू.. गाथा-१०२....९.२४३.५). :(प.१) तत्त्वसार :देवसेन (दिगम्बर) गा.७४ पद्य लोक४ लोक२७ परमानन्दसम्पन्न... (पे.२) मृत्युमहोत्सव (पे.३) परमानन्दपञ्चविंशतिका ११०२९. पञ्चलिडिगप्रकरण पञ्चलिङ्गीप्रकरण ११०३० चैत्यवन्दनकविधिप्रकरण संपूर्ण कागज अष्ट वि.१५मी :जिनेश्वरसार गा.१०१ उत्सम संवेगो विय पद्य श्रेष्ठ संपूर्ण कागज. ........... वि. १६५८ ...१ (१०x४-२) .......... गा.३५ ११०३२ देववन्दनादिभाष्यत्रयावचूरि .........श्रेष्ठ संपूर्ण कागज..............वि. १६७५............ (१०.२४४.५). 496

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