Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 547
________________ स्थिति पूर्णता (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य ग्रंथांकप्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम प्रत प्रकार । क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष ला (पे. पृ. ५-७) पे.वि. : पंचपाठ, गाथा-४०. अजियं जियसब्बभयं गा. ४० ............ पद्य... (ये.५) अजितशान्तिस्तोत्र सह (सं. अवचूरि अजितशान्तिस्तोत्र नन्दिषेण अजितशान्तिस्तोत्र-अवचूरि (4.5) नमिऊणस्तोत्र सह सं.अवचरि.. भयहरस्तोत्र मानतुङ्गसूरि कृ.वि. : गाथा संख्या ३८ थी ४७ सुधी मळे छे. गद्य (से..पू.म.पे.वि. : अपूर्ण. पंचपाठ.. कृ.वि.: गाथा २१थी २४ मळे छे. :गा.२३ पद्य नमिऊण पणयसुरगणचूडामण कागज वि.१७२७ श्लोक८3 पद्य श्लोक८ परमेष्क्षि नमस्कार पद्य :पद्य भयहरस्तोत्र-अवचूरि १२३८० ऋषिमण्डलस्तोत्र आदि (2.9) ऋषिमण्डलस्तोत्र (पे.२) पञ्चपरमेष्ठिनमस्कारस्तवन (पे.३) मन्त्रस्नानस्तोत्र (ये.४) त्रिपुरान्यास जैनागमस्तव सटीक पञ्चपाठ आदि (4.92 जैनागमस्तव सह (सं. टीका जैनागमस्तव .. जैनागमस्तव-टीका (पे.२) सुरिगुणस्वरूपगाथा सह (सं.)टीका 18:४४.२ (प.पू. २) (पे.पू. २). प.पू..२.. (पे.पृ.२). (१०.५४४.५) (पे........पे.वि.....पंचपाठ.. गद्य मध्यम ............ वि. १५१८ ... जिनप्रभसरि :नत्वा गुरुभ्यः श्रुत पद्य विशालराजशिष्य गद्य (पे. पृ.३) सरिगणस्वरूपगाथा गद्य सूरिगुणस्वरूपगाथा-टीका : जिनागमस्तवन मध्यम कागज (१०.२४४.२) जनागमस्तन जिनप्रभसरि पद्य १२३८३ सिद्धान्तस्तव सावचूरि पञ्चपाठ वि.१६मा नत्वा गुरुभ्यः श्रुत २-१(१)-१ नत्वा गुरुभ्यः श्रुत...... । (१०.२४४.५) जैनागमस्तव जिनप्रभसरि :पद्य जैनागमस्तव-टीका विशालराजशिष्य गद्य मध्यम संपूर्ण वि. 98103 (१०४४.५) नारगपुरमण्डन पाश्चजिनस्तवन आदि (पे.१) पार्श्वनाथस्तवन .......... विजयदेवसूरि मारुगूर्जर :गा.११ .............. .पृ.२).

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