Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 548
________________ ग्रंथांक स्थिति पित नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/.पत्र) कृति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता नारङगपुरमण्डन# (पे.२) वीरदेवसूरि का.३५ श्रियां परं धाम गिरा : पद्य (प.पू.२) समवसरणस्थितचतुर्मुखमहावीरस्तव महावीरशब्दगर्भित# (पे.३) सीमन्धरस्तुति १२३८५. कल्याणकस्तुति पद्य (पे.पू.२) :(१०x४.५) संपर्ण सं का संपूर्ण का.४ कोटाकोट्यतर... कागज ............वि. १६मी..... श्रीमल्लिजन्मव्रतकेव कागज वि.१७२२१ श्लोक८ यदस्मिन् परस्मिनभवे : का.९ वृषभवद् वृषभ का.७ सिद्धमपारसुबुद्धि (९.५४४.२) १२३८८ चतुःशरण आदि (4.2) चतुःशरण (पे.२) चतुर्विशतिजिनस्तवन (पे.३) वीरजिनस्तवन (पे.४) केटलाक दर्दोनां औषध १२३९१ शास्वतजिनभवनस्तवन आनन्दमुनि (प.प्र. ) (पे.पृ.१) (पे.पू.१) (पे.पू.).. (१०x४.२) मारुगजर संपूर्ण कागज वि. १७वी अपभ्र. गा.१५ कल्लाणपरम्परकारगाणि: पद्य संपूर्ण... .१२५०२. तपागच्छ पटावली तपागच्छ पट्टावलि कागज.............वि. १६८५........... (१०.७४४.२) पट्टावलिमा ऐतिहासिक उल्लेखोनुं विशेष वर्णन | १२५१० मुद्राविधि संपूर्ण कागज ....... वि. १९५३ . (१०.५४४.५) ६.१२६५७. उत्सर्गापवादषडभगीविचार .......... मध्यम संपूर्ण कागज .............वि. २०वी....३ (१०.७४५.२). १२६७७ नयस्तव स्वोपज्ञवृत्तिसहित श्रेष्ठ संपूर्ण : वि.२०मी (१६) (११.२४५.२) नयप्रकाशस्तव श्लोक.ko वि.१६३३तस्मै नमः श्रीजिनशास. : वि १६193प्रमाणवाक्य नयवाक्य नयप्रकाशस्तव-स्वोपज्ञ टीका १२७३७ : पाणकविचार जीर्ण संपूर्ण कागज वि. १८मी (१०.५४४.५) संपूर्ण कागज वि.१५मी १२७५५ अनेकविधिविधान, शास्त्रीयविचारप्रकरण औपदेशिकविषय तथा पत्र २७मुं कखा ३७मुं नथी अने ४३मुं डबल छे. पत्र-६३-६५ के एक ही ओर का झेरोक्ष है.. (१०.२४४.२)

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