Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
पूर्णता भाषा
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
सुधमोस्वामी
ग्रं. १६६७
श्रेष्ठ महेन्द्रसिंहसरि
कागज..............वि. १७४३..... १४...
(१०.२४४.५)
समवायागसूत्र
समवायाङ्गसूत्र-अवचूरि १४०२३ । अष्टोत्तरीस्तवन सटीक
अष्टोत्तरीस्तवन
अष्टोत्तरीस्तवन-टीका १४०२४. तपोटमतकुट्टन
तपोटमतकुटनशत १४०२६ यतिजितकल्प वृत्तिसह
जीतकल्पसूत्र
संपूर्ण
श्रेष्ठ जिनप्रभसूरि ------ जीर्ण
कागज ............वि. १८५४.... श्लोक ११०
:निर्लोठितशठकमठं
..(१०.५४४.२.
संपूर्ण
कागज
वि.१६२६
प्रा.
गा. १०५ ग्रं. १३०
कयपवयणप्पणामो वोच्छं: पद्य
जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण
(१०.५४४.५) हस्तप्रतसूचीओमां जीतकल्प, यतिजीतकल्प अने श्रावकजीतकल्पमा घणी बखत परस्पर :अस्पष्टताओ रहेल छे.
तिलकसरि
ग्रं. १८००
बन्दे वीरं तपोवीरं
गद्य
:वि. १२७४ वि.१८१५
श्रेष्ठ
संपणं
कागज
स्तबकरूपे लखेलो महत्त्वनो ग्रन्थ..(१०.५४४.७)
जीतकल्पसूत्र-वृत्ति १४०९४ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र सावचूरि ....
तत्त्वार्थाधिगमसूत्र तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-अवचरि वसुधारा
.२३ सम्यग्दर्शनज्ञानचारि
उमास्वाति
अध्याय १०
संपूर्ण
कागज
वि.१६१४
पत्र ३जुं नथी. जिनचन्द्रसूरि हस्ताक्षर /. (१०.५४४.२)
:दण्डकछन्दोमयी
कागज.
190xx.100
संपूर्ण मारुगूजेर
.............वि. १९मी..... १४....... श्लोक ११३५
संपूर्ण
कागज
वि.१९म
१४१४९. कुमतिकदलीकृपाणिकाचोपाई......... श्रेष्ठ,
कुमतकदलीकृपाणिकाचउपई
लड़कानी हण्डी १४२२३ : दीक्षाप्रतिष्ठामुहूर्त-मुहूर्तराजान्तर्गत श्रेष्ठ
दीक्षाप्रतिष्ठामुहूर्त-मुहूर्तराजान्तर्गत १४२३४ छन्दना आठ गणनो विचार सस्तवक..
छन्दना आठ गणनो विचार
छन्दना आठ गणनो विचार-टबार्थ १४२४१
कथासङ्ग्रह
श्लोक ३५
संपणं
कागज
मारुगजेर
संपूर्ण
कागज
:वि.१९मी
निशीथशास्त्रोक्त कथात्रिक देवचन्द्रजी लिखित., (९.२४
कथासङ्ग्रह गद्य
गं १४oo
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