Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 536
________________ ग्रंथांक १२३१३ प्रत नाम (पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम नेमिनाथस्तुति विविधछन्दोबद्ध नेमिस्तुति विविधछन्दोबद्ध - अवचूरि हारबद्ध पञ्चजिनस्तवन पञ्चजिनस्तव हारबन्ध १२३१४ हारबद्ध पञ्चजिनस्तवन सावचूरि पञ्चपाठ आदि (पे. १) पंचजिनस्तवन हारबद्ध सह (सं.) अवचूरि पञ्चजिनस्तव हारबन्ध पञ्चजिनस्तव हारबन्ध-अवचूरि (पे. २) पद्मानन्दमहाकाव्यपञ्चवर्गपरिहारसाधारणजिनस्तवन # १२३१६ विविधचित्रमयवर्धमानजिनस्तोत्र वीरजिनस्तवन विविधचित्रबद्ध वीरजिनस्तवन विविधचित्रबद्ध-अवचूरि १२३१७ अष्टादशचक्रवद्धवीरस्तव सावचूरि पञ्चपाठ वीरजिनस्तव अष्टादशचक्रबद्ध वीरजिनस्तव अष्टादशचक्रबद्ध-अवचूरि १२३१८ ऋषभदेवाज्ञास्तव नयगमस्तव १२३१९ नेमिजिनस्तोत्र नेमिनाथजिनस्तोत्र १२३२० नेमिस्तवन स्वोपज्ञावचूरिसहित पञ्चपाठ नेमिनाथस्तवन नेमिनाथस्तवन- स्वोपज्ञ अवचूरि स्थिति कर्ता शिवलक्ष्मी मध्यम कुलमण्डनसूरि मध्यम कुलमण्डनसूरिं मध्यम जिनप्रभसूरि जीर्ण कुलमण्डनसूरि मध्यम जिनप्रभसूरि श्रेष्ठ विजयसिंह सूरि श्रेष्ठ महीसागर महीसागर पूर्णता भाषा सं. सं. संपूर्ण संपूर्ण सं. संपूर्ण सं. सं. संपूर्ण सं. सं. संपूर्ण प्रा. संपूर्ण सं. संपूर्ण सं. सं. (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र आदिवाक्य प्रत प्रकार रचना वर्ष परिमाण का. ४६ कागज श्लोक २३ कागज श्लोक २३ श्लोक ८ कागज श्लोक २८ कागज का. २१ कागज गा. ११ कागज का. २४ कागज श्लोक १३ वि. १९मी वि. १४८९ वि.१६मी वि. १७मी वि. १७मी वि. १६मी वि. १७मी 519 श्रीशैवेयं शिवश्रीदं गरीयोगुणश्रेण्य... १ गयोगुणश्रेण्य. संसारसारं शैवश्री..... १ चित्र: स्तोष्ये १ विश्वसिद्धरजश्छिदे १ नयगमभङ्गपहाणा विराहि १ १ मिस्समाहितधिया. श्रीशैवेयममेयश्री. क्लिन / ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडीझे. पत्र (झे. पत्र) कृति प्रकार पद्य गद्य पद्य पद्य गद्य पद्य पद्य गद्य पद्य गद्य पद्य पद्य पद्य गद्य प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष ( १०.२४४.५) ( १०.२४४.५) (पे. पृ. १) (पे. पृ. १) का. २७. (१०.५४.५) मुहूर्तराजान्तर्गत अतिजीर्ण, (१०x४.५) (१०४४.२ ) ( १०.२४४.५) ( १०.२४४.५)

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