Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
पूर्णता भाषा
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
ग्रं.८५०
गद्य
संपूर्ण
कागज
वि. १६मी
:(१०.२४४.५) (पे.पू. १-32.
गा.१३
उरालिविउबातेयकम्म
देववन्दनादिभाष्यत्रय-अवचूरि......सोमसुन्दरसूरि ११०३४: पुद्गलपरावर्तस्वरूपप्रकरण सटीक मध्यम
(पे.9) पुद्गलपरावर्तस्वरुपप्रकरण ... पुदगलपरावर्तस्वरुपप्रकरण-टीका . (पे.२)
पुद्गलपरावर्तस्वरूपविषयकप्रकीर्णगाथा ११०३९ चतुर्दशगुणस्थानकमय महावीरस्तव श्रेष्ठ
(पे.पृ.१-३)
वि.
मी
-अपूर्ण
(१०x४.२)
संपणं
कागज
वि.१७मी
1(९.२४४.५)
गा.२६
संपूर्ण
कागज
। वि.१६मी
(१०.२४४.५)
:११०४१जीवस्वरूपस्थापनाकलक
:जीवस्वरुपस्थापनाकुलक :११०४२ सङ्ख्यातासङ्ख्यातानन्तविचारगाथा
विवरणसह सङ्ख्यातासङ्ख्यातानन्तविचारगाथा सङ्ख्यातासङ्ख्यातानन्तविचारगाथाविवरण मोक्षोपदेशपञ्चाशिका आदि (पे.१) मोक्षोपदेशपञ्चाशिका
(पे.२) द्वादशभावना ११०४९ औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक
(१०.२४४.५)
मुनिचन्द्रसूरि
श्लोक ५१
शुद्धध्यानलवित्रण
गा.१४
(पे.पू. १) (पे.पू. १) पे.वि. : गाथा-१४. । (१०.५४४.५
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
........... वि. १७मी.....१
मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि.
मी
(१०.२४४.२)
धर्मसागर
मा
११०५० औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक
सावचूरि त्रिपाठ औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक..... औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक
अवचूरि ११०५२. प्रवज्याविधानकुलक
प्रव्रज्याविधानकुलक
संपूर्ण
कागज
जिर्णप्राय..(१०.५४४.५ गाथा-२४थी ३५ सुधी मळे छे.
:प्रा.
गा.३०
ससारविसमसायरभवजल: पद्य
११०५३ : साधुसाध्वीयोग्यनियमकुलक
संपूर्ण
कागज
(१०.५४४.५)
........वि. १५९६ ..३
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