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ग्रंथांक
४००
४०१
४०२
४०३
४०५
४०७
• ४०८
प्रत नाम
(पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम
लौकिकन्यायरत्नाकर
लौकिकन्यायरत्नाकर
लौकिकन्यायरत्नाकर
लौकिकन्यायरत्नाकर
स्थिति
कर्ता
श्रेष्ठ
रघुनाथ वर्मा उदासीन सं.
श्रेष्ठ
(पुत्रे) मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी आदि कृत प्रेस कॉपिओनी झेरोक्ष पूर्णता
प्रत प्रकार
प्रतिलेखन वर्ष
पत्र
रघुनाथ वर्मा उदासीन ! सं.
श्रेष्ठ
प्रज्ञापनोपाङ्गसूत्र सह मलयगिरीय श्रेष्ठ
व प्रदेश टीका
प्रज्ञापनासूत्र
प्रज्ञापनासूत्र - बृहद्वृत्ति
प्रज्ञापनासूत्र - लघुवृत्ति
दशवैकालिकसूत्र सह टीका
दशवैकालिकसूत्र
दशवैकालिकसूत्र टीका दशवैकालिकसूत्र सह नियुक्ति व : श्रेष्ठ
भाषा
प्रतिपूर्ण
श्यामाचार्य
रघुनाथ वर्मा उदासीन सं. श्रेष्ठ
मलयगिरिसूरि
प्रतिपूर्ण
हरिभद्रसूरि
श्रेष्ठ
शय्यम्भवसूरि तिलकसूरि
रघुनाथ वर्मा उदासीन सं.
प्रतिपूर्ण
प्रतिपूर्ण
संपूर्ण
प्रा.
सं.
सं.
अपूर्ण
प्रा.
सं.
अपूर्ण
परिमाण
कागज
कागज
कागज
कागज
कागज
अध्याय ३६ प्रज्
ग्रं. ७८८७
ग्रं. १६०००
ग्रं. ३९३८
कागज
ग्रं. ७००
ग्रं. ७०००
: कागज
रचना वर्ष ईस. १९५७
293
ईस. १९५७
ईस. १९५७
ईस. १९५७
वि. १३०४
आदिवाक्य
१७५
यस्माज्जातं निखिलभुव गद्य २११
यस्माज्जातं निखिलभुव २३३
क्लिन / ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडीझे. पत्र / झे. पत्र) कृति प्रकार
(१७५)
यस्माज्जातं निखिलभूव ५९०
नमो अरिहन्ताणं नमो
जयति नमदमरमकुटप्रति
२३५
धम्मो मगलमुक्किट्ठ अर्हन्तः प्रथयन्तु
१५७
(290)
यस्माज्जातं निखिलभुव गद्य
४२१
(४२०)
गद्य (२३२)
गद्य
(५९० )
गद्य
गद्य
गद्य
(२३५) संयुक्त प+ग
गद्य
(१५७)
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ पेटा विशेष
इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय पुस्तक प्रतिलिपि - १. / लेखन काल- १४.०८.१९५७ से १५.०९.१९५७, विक्रम १८६५ मूल प्रत पर से लिखी जाने की संभावना है.
इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय पुस्तक प्रतिलिपि२. / लेखन काल १५.०९.१९५७ से ०२.११.१९५७. . विक्रम १८६५ मूल प्रत पर से लिखी जाने की संभावना है.
इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय पुस्तक प्रतिलिपि - ३. / लेखन काल - ०२.११.१९५७ से विक्रम १८६५ मूल प्रत पर से लिखी जाने की संभावना
इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय पुस्तक प्रतिलिपि - ४ / प्रतक्रम ४०० ४०३ विक्रम १८६५ मूल प्रत पर से लिखी जाने की संभावना है.
प्रज्ञापनोपाङ्गनी उपयोगी नोन्ध प्रारंभिक ११ पत्र अलग से है.
प्रज्ञापना-३६.
• पत्रक्रम-३०+१७+990 इस प्रकार है.