Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

View full book text
Previous | Next

Page 486
________________ ग्रंथांक प्रत नाम (पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम कल्पसूत्र-सन्देहविषौषधिवृत्ति १०४३५ : आचाराङ्गसूत्र- श्रुतस्कन्ध-२ अध्ययन१५ व श्रुतस्कन्ध-१ अध्ययन- ९ रा १०४३६ षट्पञ्चाशिका टिप्पणीसहित षट्पञ्चाशिका षट्पञ्चाशिका-टिप्पणी प्रत्याख्यानभाष्य अवचूरि प्रत्याख्यानभाष्य- अवचूरि १०४३८ बृहत्सङ्ग्रहणीप्रकरण बृहत् सङ्ग्रहणीप्रकरण १०४३७ १०४३९ सङ्ग्रहणीप्रकरण बालावबोधसहित सङ्ग्रहणीप्रकरण सङ्ग्रहणीप्रकरण-बालावबोध १०४४० अनेकबोलविचार अनेक बोल विचार १०४४१अनेक बोलविचार अनेक बोल विचार १०४४२ सामुद्रतिलक-नरलक्षणशास्त्र तृतीय अधिकार पर्यन्त सामुद्रतिलक-नरलक्षणशास्त्र १०४४३ सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति द्वितीयाध्याय द्वितीयपादपर्यन्त सिद्ध हेमशब्दानुशासन- लघुवृत्ति १०४४४ सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति द्वितीयाध्यायतृतीय पादथी तृतीयाध्याय द्वितीयपादपर्यन्त सिद्धहेमशब्दानुशासन- लघुवृत्ति स्थिति कर्ता जिनप्रभसूरि जीर्ण सुधर्मास्वामी मध्यम पृथुयशा मध्यम मध्यम जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण श्रेष्ठ श्रीचन्द्रसूरि मलधारि दयासिंह मध्यम मध्यम श्रेष्ठ दुर्लभराज जीर्ण हेमचन्द्रसूरि मध्यम हेमचन्द्रसूरि पूर्णता भाषा सं. प्रतिपूर्ण प्रा. संपूर्ण सं. संपूर्ण सं. संपूर्ण प्रा. संपूर्ण प्रा. मारुगुर्जर संपूर्ण मारुगुर्जर पूर्ण मारुगुर्जर प्रतिपूर्ण सं. प्रतिपूर्ण सं. प्रतिपूर्ण (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण ग्रं. २१६८ कागज ग्रं. २६४४ कागज कागज कागज गा. ५७९ कागज गा. २७३ ग्रं. १७५७ कागज कागज कागज कागज ग्रं. ३३०० कागज ग्रं. ३३०० रचना वर्ष वि. १३६४ वि.१६मी वि. १५४१ वि. १६मी वि. १४७९ वि. १५५७ वि.१६मी वि. १६मी वि. १६मी वि. १५ मी वि. १५ मी 469 आदिवाक्य ५ सुर्य मे आउस तेणं ५ ३ १२ (१३) नियट्ठवियअट्ठकम्मं पद्य १५ १८ ३३ (38) नमिउं अरहन्ताइ ठिइभव पद्य गद्य (१६) १४ १६ क्लिन / ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी झे. पत्र (झे. पत्र) कृति प्रकार गद्य (६) प्रणम्य परमात्मानं १८ संयुक्त प+ग (4) पद्य प्रणम्य परमात्मानं गद्य (4) गद्य गद्य (१९) गद्य (94) (१७) गद्य (१९) गद्य प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष (११.५४४.७) (११.२४५) (११.२४४.५) गाथा-५२०. ग्रन्थाग्र-६५० (११.२४४.५) गाथा ३६६ थी ३८० बच्चे पण मळे छे. (११.२४४.५) (११.२४४.७) (११.५४४.५) प्रति एक खूणेथी उंदरे करडेली छे., (११.२४४.५) (११.२४४.५) प्रति पाणीथी भीजायेली छे, (११.२४४.७)

Loading...

Page Navigation
1 ... 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582