Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार : पद्य
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृिति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
(पे.२) चतुःशरणप्रकीर्णक
वीरभद्र
सावज्जजोगविरई उक्कित
गा.२२
(पे.३) कर्मकुलक १०६१६ : ऋषिमण्डलप्रकरण
संपूर्ण
:कागज
वि.१मी
१०
मध्यम धर्मघोषसूरि
(पे.पृ.३-१४) [कृ.वि. : गाथा-६२ थी ९१ सुधी मळे छे] (प.पू. १४९)..... (१०.२४४.५) संकळाएल प्रतोमा अमुक प्रतोमा १६१, १६२ गाथाओ छे, तो अमुक प्रतोमा २०८ थी २२६ सुधीनी गाथाओ छे. गाथा-२२६...(१०.२४४.५
गा.२१० ग्रं.२५४
१०६१७ऋषिमण्डलप्रकरण
श्रेष्ठ
:अपण
वि. १६६५
। १२-१(१)-११
धर्मघोषसूरि
गा.२२३
१०६१८: विवेकमञ्जरीप्रकरण
-- ------------- -----
संपूर्ण
कागज
(१०.२४४.५)
वि.१६मी वि.१२८८
प्रा.
गा.१४४
सिद्धिपुर सत्थवाह
जीर्ण
संपूर्ण
कागज
१०६१९: प्रव्रज्याविधानप्रकरण
प्रव्रज्याविधानकुलक
वि.१६मी
गाथा-३५., (१०.२४४.५) गाथा-२४ थी ३५ सुधी मळे छे.
प्रा.
गा.३०
संसारविसमसायरभवजल:
संपण
कागज
उदयप्रभसार
..वि. १६मी....
वि.१२९५ तं नमत श्रीवीरं वि. १६मी
(१०.५४४.५.. यशोदेवसूरि कृत टीका आधारित. (१०.५४४.५)
ਸE+
संपूर्ण
कागज
:१०६२०: पिण्डविशुद्धिप्रकरणदीपिका
पिण्डविशुद्धिप्रकरण-दीपिकावृत्ति ..... १०६२५: इन्द्रियपराजयशतक तथा
भववैराग्यशतक (पे.१) इन्द्रियपराजयशतक
(पे.२) भववैराग्यशतक १०६२७: सम्बोधसप्ततिकाप्रकरण
रलशेखरसूरि १०६२८: षष्टिशतकप्रकरण बालावबोधसहित : मध्यम पष्टेिशतकप्रकरण
जिनवल्लभ षष्टेिशतकप्रकरण-बालावबोध
: सोमसन्दरसरि १०६३६ चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र पद्य
: सोनन्दसरि
(पे.पू. १८ (पे.पू. १-42. (१०x४.५)
वि.१६मी
संपूर्ण
:कागज
(१०.५४४.५)
: मारुगजेर
ग्रं.१४९६
: सपूर्ण
वि. १६मी..... १९
जीर्णप्राय, (१०.५४४.७)
श्लोक ६१४१
: १०६३९ महीपालचरित्र
संपर्ण
कागज
वि. १६मी
(१०.५४४.५
महिपालचरित्र
वीरदेवगणि
गा. १८१६ ग्रं.
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