Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
View full book text
________________
ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कागज
वि. १६मी ४१
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटॉक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
मध्यम
प्रति पाणीथी भीजायेली छे.. (१०.२४४.५)
हेमचन्द्रसूरि. मल्लिषेणाचार्य
का.३२ श्लोक २८००
सं.
वि. १३४९
मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि. १६मी
ग्रन्थाग्र-३०००. प्रति ऊघईए खाधेली होवाथी एने निवेसरथी सारी रीते सांधेली छे...(१०.५४४.५).....
१०७०७ स्याद्वादमञ्जरी
अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका सटीक अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका ... अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका
स्याद्वादमञ्जरी टीका १०७०८ स्याद्वादमञ्जरी
अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका सटीक अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका ...... अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका
स्याद्वादमञ्जरी टीका १०७०९ : अनेकान्तवादप्रवेश
अनेकान्तवादप्रवेशप्रकरण १०७१० पदार्थतत्त्वनिर्णय प्रथमखण्ड
पदार्थतत्त्वनिर्णय :१०७११: पदार्थतत्त्वनिर्णय द्वितीयखण्ड
हेमचन्द्रसरि मल्लिषेणाचार्य
का..३२ : श्लोक २८००
वि.१३४९
जीर्ण
संपूर्ण
कागज
। वि. १५मी ..
१०.५४४.५
हरिभद्रसरि
:.७३०
श्रेष्ठ
प्रतिपूर्ण
कागज
वि.१.मी
।
प्रति एक बाजुथी ऊघईए खाधेली छे (१०.५४४.५)
आनन्दभवन
:श्रेष्ठ
प्रतिपूर्ण
कागज
वि.१६मी
प्रति एक बाजुथी ऊधईए खाधेली छे., (१०.५४४.५)
आनन्दभुवन
पदार्थतत्त्वनिर्णय १०७१२: पदार्थतत्त्वनिर्णय मिताक्षरीव्याख्या
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
:वि. १४७६
प्रति एक बाजुथी ऊघईए खाधेली छे..
(१०.२४४.५
१०.२४४.५).
पदार्थतत्त्वनिर्णय-मिताक्षरी व्याख्या १०७१३. तत्त्वचिन्तामणि द्वितीयपरिच्छेद .... मध्यम तत्त्वचिन्तामणी
गडगेश्वर मिश्र १०७१४ तत्त्वचिन्तामणि आलोकटीका मध्यम
प्रथमपरिच्छेद
तत्त्वचिन्तामणी-आलोक टीका ....... :जयदेव १०७१६. न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण
प्रतिपूर्ण ........कागज..............वि. १७मी.....४७.......
ग्र.२८११ प्रतिपूर्ण कागज
वि. १७मी
पत्र २६, डबल छ., (१०.२४४.५)
मध्यम
.....वि. १६मी
।
प्रति पाणीथी भीजायेली छ...(१०.२४४.५).
उदयनाचार्य
१०७१८ : न्यायलीलावती
जीर्ण
वि. १४८३
(१०.५४४.५)
श्रीवल्लभोपाध्याय
सं
491

Page Navigation
1 ... 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582