Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष: पत्र
स्थिति
पूर्णता
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल
पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष । कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
सं.
ग्रं. ५५० कागज
संपूर्ण
वि. १५२८
(२८)
पर
वृत्तिनुं नाम सुकविह्रदयानन्दिनी छे..(१२४४.७) छन्दोविषयक ग्रन्थ.
कागज ............ वि. १५०१ ..
गद्य (४३)
.........
(१२४४.५).
ग्र.334
गद्य
कागज
वि.१५१९
(१५)
(११.७४४.७)
..........
१०३८४ : वृत्तरत्नाकर वृत्तिसहित
मध्यम वृत्तरत्नाकर
:कदार भटट वृत्तरत्नाकर-सुकविद्दयानन्दिनी टीका सोलण काव्यकल्पलता-कविशिक्षावृत्तिसह जीर्ण कविशिक्षा
अमरचन्द्रसुरि कविशिक्षा-काव्यकल्पलता टीका अमरचन्द्रसूरि |१०३८६ : विद्यगोष्टी
मध्यम
मुनिसुन्दरसरि १०३८७ न्यायसारप्रकरण टिप्पणीसहित
मध्यम न्यायसारप्रकरण
भासर्वज्ञ न्यायसारप्रकरण-टिप्पणी । १०३८८ नलायन-कुवेरपुराण
श्रेष्ठ नलायन - कुबेरपुराण
माणिक्यदेव १०३८९ किरातार्जुनीयमाहाकाव्य सावरि । : मध्यम
पञ्चपाठ
ग्रं.८७५
: वि. १४५५ । वि.१५०७
कागज
(९).
११.७X४.५)
गद्य
संपूर्ण
कागज
वि. १६मी.
(१२७)..........
(१२४४.७)
ग्र.४७२४
संपूर्ण
:कागज
वि. १५०१
पत्र २६९ डबल छे., (११.७४४.७)
भारवि
पद्य
गद्य
जीर्ण
वि. १६.मी
:३१
(३२)...............(१२४४.५)......................
:किरातार्जुनीयमहाकाव्य
किरातार्जुनीयमहाकाव्य-अवचूरि १०३९१: हैमअनेकार्थनाममाला
अनेकार्थसड़ग्रह १०३९२ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपागसूत्र
चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र
हेमचन्द्रसरि
ध्यात्वाताकतका
--
मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि.१६मी
ग्रन्थान-२०५४., (११.७४४.५)
ग्रं. १८३१
जयति
गद्य
नवनलिणिकुवलयविय
१०३९३ कल्याणमन्दिरस्तोत्र सावचूरिक
: मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि.१६मी
(५)
प्रति एक खूणेथी खवाई गई छे., (११.७४४.५)
पञ्चपाठ
कल्याणमन्दिरस्तोत्र
का.४४
कल्याणमन्दिरमुदारमव
पद्य
सिद्धसेन दिवाकर सुरि
कल्याणमन्दिरस्तोत्र-अवचूरि | १०३९४ राजप्रश्नीयोपागसूत्र
गद्य (४२)
जीर्ण
वि.१६०३
११.७४४.२)
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