Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 397
________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र स्थिति पूर्णता प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कति प्रकार मध्यम संपूर्ण कागज वि.१८मी मूल आर्या-३०..(१०.२४४.५) ४ :कः खलु नालड़िक्रयते विमलसूरि का.२८ पद्य मारुगूर्जर गद्य संपूर्ण कागज वि.१५२४ ७०१३ प्रश्नोत्तररत्नमाला टवार्थसहित प्रश्नोत्तररनमालिका प्रश्नोत्तररत्नमालिका-टबार्थ . दर्शनशुद्धिप्रकरण सटीक दर्शनशुद्धिप्रकरण दर्शनशुद्धिप्रकरण-टीका सन्देहदोलावलीप्रकरण सटीक सन्देहदोलावलीप्रकरण सन्देहदोलावलीप्रकरण-टीका पत्तभवन्नवतीरं दुहदव चञ्चच्चन्द्रमरीचि .. श्लोक १२००० जीर्ण चन्द्रप्रभसूरि विमलगणि जीर्ण जिनदत्तसूरि प्रबोधचन्द्र गणि वि. ११८४ वि.१५मी कागज :७५ (७५) गा.१५० ग्रं.४७५० पडिबिम्बिय पणयजयं श्रीवर्द्धमानं प्रभु : वि. १३२० (१८५) पत्र ५६k डबल छे.. (१०.19x4) पद्य पद्य विशिष्ट रचना प्रशस्ति. (१०.७४४.७) पद्य गद्य विशिष्ट रचना प्रशस्ति.र.सं.अम्बरकरशिखिरूपमिते-१३२०.रचना स्थल प्रल्हादनपुर :/१o.gx४.७) पद्य (१११). (१०.७४४-७) पद्य .. (१८८)............. पत्र २५२मुं नथी.. (१०.७४४.७). ७०२७. योगविन्दुप्रकरण जीर्ण संपूर्ण ७०२८ मुनिसुव्रतस्वामिचरित्र पद्य संपूर्ण हरिभद्रसूरि जीर्ण पदमप्रभसुरि जीर्ण गुणचन्द्रसूरि : कागज..............वि. १५१७........ ग्रं.३६२० कागज ........ वि. १६मी ... ११२ ।.वि. १२९४.. वि.१५मी १९० ग्रं. १२०२५ .वि. ११३९ कागज वि. १५मी ग्रं.५५६८..... ७०३० महावीरचरित्र संपूर्ण कागज प्रा. ७०३२ श्रेष्ठ प्रतिपूर्ण (८२) अन्तमां वस्तुपालना वंशनी प्रशस्तिना केटलाक श्लोको छे...(१०.19४४.५). पर्द-१०. (११४४.५)................. :हेमचन्द्रसूरि सर्ग १० पद्य त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रमहाकाव्य पञ्चमपर्व-शान्तिनाथ चरित्र :त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रमहाकाव्य सम्यक्त्वप्रकरण सटीक दर्शनशुद्धिप्रकरण दर्शनशुद्धिप्रकरण-टीका प्रवचनविचारसार 1903४ मध्यम संपूर्ण कागज चन्द्रप्रभसूरि विमलगणि FICE वि. १५०४ १५३ : पत्तभवन्नवतीरं दुहदव ।वि. ११८४ चञ्चच्चन्द्रमरीचि वि. १६मी.. श्रीशान्तिः शान्तये (१५३) पद्य पद्य श्लोक १२००० कागज ७०३५ श्रेष्ठ (२८) नयकुजर प्रा.,सं. गद्य विशिष्ट रचना प्रशस्ति. (१०.५४४.५ विविध विषयों पर आगमादि संदों के साथ प्रवचनविचारसारसंग्रह संकलित है. (१०.५४४.५). अपूर्ण ७०३६ । विचारामृतसङ्ग्रह अपूर्ण विचारामृतसङग्रह ७०३७ साधु-श्रावकसामाचारी : कुलमण्डनसूरि श्रेष्ठ कागज ग्रं. २२०० कागज .........वि. १६मी....३६. वि.१४४३ वि. १६७८ २१ गद्य (२१) संपूर्ण (१०.२४४.५) 380

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