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स्थिति
पूर्णता
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
प्रत प्रकार
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कता
कागज
वि. १७मी
(१०.५४४.२)
८२३५ विविधछन्दोबद्धपार्श्वनाथस्तव सावचूरि श्रेष्ठ
पञ्चपाठ विविधछन्दोबद्धपार्श्वनाथस्तव
विविधछन्दोबद्धपार्श्वनाथस्तव-अवचूरि. ८२४०... पञ्चपरमेष्ठिस्तोत्र समस्याबद्ध........... श्रेष्ठ,
श्लोक ३०
पद्य
कागज..............वि. १७मी..
(१०x४.५
८२४५
श्रेष्ठ
अपूर्ण
कागज
वि. १७मी
(१०.२४४.५)
मुनिसुन्दरसूरि
अपनं.
श्लोक २५
चन्द्रधर्मगणि
सं.
गद्य
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
मन्त्रौषधिकल्पगर्मित देलउलामण्डन श्रीऋषभजिनस्तवन सटीक त्रिपाठ मन्त्रीषधिकल्पगर्मित देलउलामण्डन ऋषभजिनस्तवन मन्त्रौषधिकल्पगर्मित देलउलामण्डन ऋषभजिनस्तवन-टीका मन्त्रौषधिविचारगर्भित देलवाडामण्डन ऋषभदेवस्तवन सावचूरि त्रिपाठ. मन्त्रौषधिकल्पगर्मित देलउलामण्डन ऋषभजिनस्तवन मन्त्रौषधिकल्पगर्मित देलउलामण्डन ऋषभजिनस्तवन-टीका बम्भणवाडामण्डन महावीरजिनस्तवन महावीरस्तवन बम्मणवाडामण्डन
मुनिसुन्दरसूरि
!अपी .
: श्लोक २५
चन्द्रधर्मगणि
गद्य
श्रेष्ठ कमलकलशसूरि-शिष्य
कागज.............वि. १७मी. गा.२१
पं. रविवर्धनलिखित..(१०x४.२.. भाषा अपभ्रंश प्रधान मारुगूर्जर.
संपूर्ण अपभ्रं.मारुगू र्जर संपूर्ण
८२५२
जैनरक्षास्तोत्र
श्रेष्ठ
कागज
(१०.२४४.५)
श्लोक १८ कागज.
का. २९
पद्य
: प्रथम जिनवर प्रथम ॐनमस्त्रिदसवन्दित
...चतुर्विशतिजिनस्तुति तथा शारदाष्टक श्रेष्ठ
(4.9) चतुर्विशतिजिनस्तुति (पे.२) शारदाष्टक
जिनप्रभसूरि ८२५९. शनैश्चरस्तुति स्कन्दपुराणगत.
मध्यम
दशरथ राजा ८२६७ लघुशान्तिस्तव सटीक
(१०x४.५) (प.पू. १-२). (प.पू. १-२) B.R.X४.५.
श्लोक८
कागज
श्रेष्ठ
:कागज
वि.१७मी
टीकाकारे पोताना हाथे लखेली प्रति.........
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