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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत प्रकार
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार पूर्णता
प्रतिलेखन वर्ष पत्र भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य प्रतिपूर्ण कागज
वि. १६मी ११
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार (२१)
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
२३६९
ग्रन्थान-५८९..(१०.२४४.५)
पद्य
प-१०.
त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रपर्व-९। मध्यम प्रथमसर्ग ब्रह्मदत्तचक्रवर्तिचरित्र त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रमहाकाव्य ... हेमचन्द्रसूरि त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र
: मध्यम परिशिष्टपर्व परिशिष्टपर्व
हेमचन्द्रसूरि
सं. संपूर्ण
सर्ग १० कागज
२३७०
वि. १६६०
(१६)
ग्रन्थान-३४९५.
सर्ग १३ श्लोक
श्रीमते वीरनाथाय
पद्य
३५००
२४४४
जीर्ण
कागज
वि.१७मी
(१०.२४४.५).
महाविद्याविडम्बनवृत्ति टिप्पन ... महाविद्याविडम्बन-वृत्ति-टिप्पणक प्रमाणसुन्दरप्रकरण
.... गद्य
२४४६
मध्यम
कागज
(१५)
(१०.२४४.५)
पदमसन्दर
गय
२४४८
संपर्ण
वि. १६मी
(69)
सिद्ध साथ
सं.
गद्य
(१०.७४४.५). (प.पू.१.२८... (प.पू. २८-४१)..
२४४९
न्यायावतारवृत्ति आदि
जीर्ण (पे.) न्यायावतारसूत्र-टीका (पे.२) न्यायावतारसूत्र-वृत्तिनुं टीप्पणक देवभद्रसूरि मलधारी न्यायावतारवृत्तिटिप्पनक न्यायावतारसूत्र-वृत्तिनुं टीप्पणक देवभद्रसूरि मलधारी स्याद्वादरत्नाकर
जीर्ण प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कारटीका
मध्यम
संपूर्ण
........वि. १७मी
२२
(१०x४.२)
गद्य (२२) गद्य (२७८)
सं. प्रतिअपूर्ण
:२४५६
कागज
वि.१६मी
२८३
: पत्र १६१-१६२नथी.(१०x४.२)
खण्ड-२
वादिदेवसूरि
:.७२८४
२४५७
: मध्यम
संपूर्ण
:कागज
वि.१६मी
:४६
:(४६)
: १०.२X४.२०
ज्ञानचन्द्र
ग्र.२१०४
गद्य
प्रमाणनयतत्त्वालोकालकारस्याद्वादरत्नाकरवृत्ति.. रत्नाकरावतारिकावृत्ति टिप्पनक प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कारसत्क रत्नाकरावतारिका-टिप्पणक न्यायसार न्यायसारप्रकरण अमरकोषतृतीयकाण्डगतनानार्थवर्ग टीका सह त्रिपाठ अमरकोष
२५०२
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज............ वि. १५२३....२०.....
........
(२०)............... कर्ता नाम नथी...(१०.५४४.५................
भासर्वज्ञ श्रेष्ठ
REE
२५४०
प्रतिपूर्ण
कागज
वि.२०मी
१०.७X४.७)
: अमरसिंह
:श्लोक २०००
:
यस्यज्ञानदयासिन्धो
पद्य
340