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(पु) मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी आदि कृत प्रेस कॉपिओनी झेरोक्ष पूर्णता प्रत प्रकार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
ग्रंथांक
:स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
भाषा
परिमाण
रचना वर्ष
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार गद्य
आदिवाक्य
आचारागसूत्र-वृत्ति
शीलाङ्काचार्य
ग्रं. १२०००
शक. ७९८
जयति समस्तवस्तु
प्रथम श्रुतस्कन्ध टीका ग्रन्थान-२६६१. बाहरी साधु सहायेन कृता टीका..
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अजितनाथ चरित्र
संपूर्ण
३०१
(३०१)
श्रेष्ठ देवानन्दसूरि
अर्हन् पादाम्बुजध्या
पद्य
कागज सर्ग ७ श्लोक १७३४ कागज अध्याय ११ कागज
४२२
अरजिन चरित्र
श्रेष्ठ
संपूर्ण
४१८ .......... येनादौ पद्धतिधर्म
..(४१८)
शुभशील
:पद्य
वि. १५२२ वि.१५४१
४२३
विद्याविलास कथानक
श्रेष्ठ
संपर्ण
(३२)
उल्लिखित प्रतिलेखन वर्ष मूल प्रति का है. भांडारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टिट्यूट-पूना की प्रति.
शुभशील
द्वीपेत्र भरतेक्षेतपद्य
:४२४
श्रीधरचरित्र
श्रेष्ठ
संपूर्ण
श्लोक ६२४ कागज अध्याय ९ श्लोक वि. १४६३ १६८९
श्रीधरचरित्रकाव्य
माणिक्यसुन्दरसूरि
यस्मिन्नाभिनरेन्द्र
पद्य
रचना स्थल सत्यपुर
कुमारपालचरित्र
संपूर्ण
हस्तप्रत
२५५
(२५५)
कमारपालप्रबन्ध
ति985४
स्वयं कतार्थ परूष
रचना स्थल देवलपाटक
कुन्थुनाथचरित्र
अपूर्ण
.१४८
(१४८
पदमप्रभ
श्रिये देवाधिदेवस्ता
:पद्य
:४२७
नेमिनाथ चरित्र
अपूर्ण
४१९
(४१९)
नेमिनाथचरित्र
कमला
पद्य
श्रीमद्युगादिजिनराज १९९
४२८
पृथ्वीचन्द्रचरित्र
संपूर्ण
(१९९)
विमलकीर्ति गणि के द्वारा लिखी गयी प्रत. अन्त में ग्रन्थान ३२६४ का भी उल्लेख मिलता
पृथ्वीचन्द्रराजर्षिचरित्र
जयसागर वाचनाचार्य
अध्याय ११ ग्र.
वि. १५०३
श्रीवीरचरणाम्भोज
रचना स्थल प्रहलादनपुर
२६५४
पाश्वनाथचरित्र
श्रेष्ठ
संपर्ण
हस्तप्रत
: पद्मसुन्दर
:अध्याय ७
(९७) भास्वदभोगीन्द्रः....
:पद्य
। (२३५) प्रबोधमाधातुमशाब्दिकपद्य
४३०
संपूर्ण
शब्दभेदप्रकाश सह टीका शब्दभेदप्रकाश नाममाला
म हेश्वर
श्लोक १९२
........
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