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ग्रंथांक
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पातासंघवीजीर्ण)पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार संघवी पाडाना जीर्ण, त्रुटक अने चोंटेला भंडार स्थिति
पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल
डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता
भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
झे.पत्र/ओ.पत्र) कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कति प्रकार
प्राणातिपातविरतिप्रथमातिचारविपाके (पे.२) अंगारमर्दकाख्यान सह टीका
(पे. पृ.?) पे.वि. : यह कृति झे.पत्र ३३-३५ अन्तर्गत है.
अगारमर्दकाख्यान अङ्गारमर्दकाख्यान-टीका (पे.१०) ब्रह्मदत्तचक्रिचरित्र
ग्रं.३०३०
(पे.पृ.) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र ३७ पर समाप्तिसूचक पुष्पिका है. (पे.पृ.) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र ३७ से प्रारंभ होता
(पे.99) उदायिनृपमारककथानक
(पे.१२) प्रकीर्ण कथासंग्रह
(पे. पृ.?) पे.वि. : अनिर्णित कथासंग्रह के लिये इस कृति का चयन किया गया है.
कथासङग्रह
(पे.१३) बृहत सड़ग्रहणीप्रकरण
नियट्ठवियअट्ठकम्म
जिनभद्र गणिप्रा . क्षमाश्रमण
(पे.१४) पिंडनियुक्ति सह टिष्पन
(पे.पृ.) पे.वि. : यह कृति झे.पत्र ४१-४८ अन्तर्गत है. [कृ.वि. : गाथा ३६६ थी ३८० बच्चे पण मळे छे] (ये. पृ.) पे.वि. : क्रमबद्ध नहीं है./यह कृति झेरोक्ष पत्र ७,४८,५५,५६,५९,६० व ७२-८२ पर त्रुटित रूप में उपलब्ध है.. कृ.वि. : गाथा ६९७ थी ७९० सुधी मळे छे.
गा.६९७
पिण्डे उगम उप्पायण
पद्य
गछ
पिण्डनियुक्ति पिण्डनियुक्ति-टिप्पण (पे.१५) सुन्दरिदेवीकथानकशीलव्यावर्णने (पे.१६) ओघनियुक्ति
गा.१०१
पद्य
कमकालो सामा
: पद्य
:गा. ११६३ ग्रं. : १४३२
(पे.पृ.?) [कृ.वि. : अन्त वाक्य- धम्मे आयरं कुणह] (पे.पू.?) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र ६३-७८ तक क्रमशः यह कृति है. [कृ.वि. : गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे] (पे.पृ. ७२-८०) पे.वि. : अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र ८३८७. बृहत्सर्वज्ञसिद्धि की कारिका नं.१ ताडपत्रीय पत्रांक ७८ पर व झेरोक्ष पत्र ८६ पर मिलती है. इस प्रत में उल्लिखित पद्य बृहत्सर्वज्ञसिद्धि से मिलता है परन्तु गद्यांश भाग इससे सर्वथा भिन्न
(पे.१७) सर्वज्ञसिद्धिनिरूपण