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अन्य ताडपत्रीय तथा कागळनी प्रतनी झेरोक्ष (अताका)
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
पूर्णता
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/क्षे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
(पे.9) अभिधानचिन्तामणि शेषनाममाला
पत्रांक सुधारा गया है. (पे. पृ. ८६4-९२०) पे.वि. : पूर्ण. प्रारंभिक ४ । गाथाएँ नहीं है. प्रतिलेखन वर्ष-१३८७. ग्रन्थ का अंतिम भाग व प्रतिलेखन पुष्पिका अक्षर घिसे व उखड़े होने से अवाच्य है.
:अध्यायकाङ
निर्वाणे स्याच्छीती
अभिधानचिन्तामणिनाममालाअभिधानचिन्तामणि परिशिष्ट (पे.२) अनेकार्थसङ्ग्रह सह टिप्पण
(पे.पू. ९३०-१६२) पे.वि.: ग्रन्थान-१८२६. अपूर्ण. बीच-बीच के कुछ पत्र नहीं है.
अनेकार्थसड़ग्रह....
............
रेमचन्टसरि
ग्रं. १८२७
ध्यात्वार्हतः कतैका
......
अनेकार्थसवग्रह-टिप्पण
(पे. पृ. १६२०-१६३०) पे.वि. : संपूर्ण...
श्लोक १९
कृष्णः आः स्वयम
(ये.३) एकाक्षरनाममाला एकाक्षरीनाममाला (पे.४) पाययलच्छिनाममाला पाइयलच्छीनाममाला (पे.५) शब्दभेदप्रकाश नाममाला
(पे. पृ. १६३५-१७३४) पे.वि. : संपूर्ण.
गा.२८०
पद्य
नमिऊण परमपुरिसं पुरि ..... प्रबोधमाधातुमशाब्दिक
महेश्वर
श्लोक १९२
पद्य
जिनभद्रसूरि
(ये.६) पञ्चवर्गपरिहारनाममाला (पे.19) पञ्चवगे अनेकार्थ नाममाला (पे.८) पञ्चवर्गपरिहारनाममाला
श्लोक २१७ श्लोक १३७ श्लोक ६१
अपवर्गपदाध्यासितमप. आर्हती भारती नत्वा अनेकार्था...
पद्य
(पे.पू. १७३B-१८४) ये.वि. : अन्त के पाठ अनुपलब्ध है. प.पू. १B-88..प्र.वि.:.संपूर्ण. (पे.पृ. ९B-988) (पे.पृ. १४B-१६B) पे.वि. : अपूर्ण, श्लोक-२ से ३८ नहीं है. (पे.पू.?.पे.वि..: झेरोक्ष पत्र-३०-३१... सभी पेटांक का पत्र क्रमशः गिना गया है.
जिनभद्रसूरि
पय
अमरचन्द्रसूरि
श्लोक १९
विश्वाभिधानकोशानि...
पद्य १०३/१०४(२५)
:हस्तप्रत
(4.82.एकाक्षरीनाममाला ज्ञानार्णवप्रकरण स्वोपज्ञ विवरण आदि (ये.) ज्ञानार्णवप्रकरण सह स्वोपज्ञ विवरण ज्ञानार्णवप्रकरण ज्ञानार्णवप्रकरण-स्वोपज्ञ विवरण (पे.२) ऋषभजिनस्तवन
(पे. पृ. १-३२) पे.वि. : अपूर्ण, श्लोक-३३ के विवरण तक है. ला. द. नंबर-४३०७७.
यशोविजयजी गणिसं. यशोविजयजी गणिसं. य शोविजयजी गणि मारुगुर्जर
गा.९
समरथ साहिब समता दरिओ पद्य
.....(पे.पू. ११) पे.वि. : संपूर्ण. ला.द. नम्बर-........
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