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[१९] ७ कुमारपाल ८ अजयपाल ९ लघु मूलराज १० लघुभीमराज ११ राजा ( चौलुक्य वंशोय)-और वीरधवल १ वीसह देव २ अर्जुन देव ३ सारंग देव ४ घेला कर्ण देव ५ ( वाघेला वंशोय ) ___ इन गुर्जर राजाओंकी राज्य सत्तामें मंत्री, महामंत्री-दंडनायक-सेनापति-वगैरहजो जो होते रहे हैं वह सभी के सभी प्रायः जैनधर्मानुयायी ही होते रहे हैं । और अपनी अपनी शक्ति के अनुसार शत्रुनय गिरिनार आदि तीर्थाका उद्धार करते हो रहे हैं । महाराजा सिद्धराज के समय सज्जन नामक दंडपति जो कि काठियावाडका अधिकारी था. उसने सोरठ देश की तीन वर्षकी आमदनी खर्च करके श्री गिरिनार तीर्थकी मुरम्मत कराई । जब वह पाटण आया तब राजाने उससे रुपया मांगा। उसने थोडे दिनों के लिये फिर सौराष्ट्र में जाकर जैन शाहुकारोंसे रुपया मांगकर पाटग आकर रामाके सामने रख दिया और नम्रभाव से अर्ज को, कि ३ वर्षका वसुल किया हुभा राजव्य मैंने तीर्थोद्धारमें लगा दिया है और यह द्रव्य शाहुकार
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