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[८१) इसमें कई एक निबन्ध हैं जैसे गौतम स्वामीका अष्टापद तीर्थ बंदन कानहडा महावीर स्थापना, जिन प्रभाचार्य संबन्ध जिनप्रभसूरि अवदात संबन्ध झ. घडु साधु संबन्ध वगैरह। ___ (३२) वस्तुपाल चरिच इसके कर्ता तपाच्छीय श्रीमान् जिन हर्ष गणि हैं सोलहवीं शताद्वीमे यह बना है. ___ (३३) सोम सौभाग्य काव्य-यह काव्य प्रतिष्टा सोम गणि विरचित है इसको वि. सं० १५२४ में बनाया है।
(३४) गुरु गुण रत्नाकर काव्य-इसके रचयिता श्रीमान् सोम चारित्र गणिने वि० सं० १५४१ में इसको बनाया है। ____३५ जगदगुरु काव्य २३३ श्लोकांका यह एक छोटासा काव्य है इसके कर्ता विमलसागर गणिके शिष्य श्रीमान् पद्मसागर गणि हैं सं. १६४६ में यह काव्य बना है.
(३६) उपदेश तरंगिणी इसके कर्ता श्रीमान्
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