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॥ काश्मीर॥ काश्मीर वा जम्मु । राधी और सिन्धु नदी के बीचका इलाका शुरुसे आखीर तक काश्मीरकी राजधानी कहलाती है । युगकी आदिमे श्रीयुगादि देव ने अपने दीक्षा समयको निकट आया जानकर अपने सौ पुत्रोंको जो जो राज्य दिये थे उनमे यह भी एकथा. तदनंतर चौथे तीर्थंकर श्री अभिनंदन स्वामीके शासनमे जितारि राजाने इसी देशसे श्री सिद्धाचल जीकी यात्रा के लिये संघ निकाला था. श्री नगर जो कि काश्मीरकी जम्मु के समान राजधानी कहलाती है उससे थोड़ी दूरीपर "मटठ साहिब" नामक एक प्राचीन तीर्थ स्थानमें आज तक भी आईट् चैत्योंके चिन्ह सुने जाते है । इस बातकी सत्यता के लिये स्वर्गस्थ श्रीयुत्-राना शिवप्रसाद सितारे हिन्द कालिखा "भूगोल हस्तामलक" देखो ] इन स्थानोको लोग कौरव पाण्डवोंके समय के बने हुए कहते हैं । जिस महा पुरुषका नामनिर्देश प्रस्तुत रासमे किया गया है वह
Aho! Shrutgyanam