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लीस ४० वर्ष सामान्य पर्यायमें ८ आठ वर्ष युग प्रधानपनें रहकर ९० वर्षकी आयुः पूर्ण कर देव लोक गये। ____ भद्रबाहु स्वामी ४२ वर्ष संसारमें रहकर १७ सतारां वर्ष सामान्य पर्यायमें १४ वर्ष युगप्रधान पद्वी पालकर ७६ वर्षकी अवस्थामें माहावोर निर्वाण के १७० वर्ष बाद स्वर्गारूढ हुए ॥६॥ ___ इनके पाटपर श्री स्थूलिभद्रजी बैठे स्थूलिभद्र स्वामी ३० वर्ष गृहस्थ रहे २४ वर्ष सामान्य साधुपनेमें रहै, ४५ वर्ष युग प्रधान पदमें रहे ९९ वर्षकी उमरमें श्रीवीरपरमात्माके निर्वाणसे २१५ वर्षे स्वर्गारूढ हुए ।। ७ ॥
स्थूलिभद्रस्वामीके पाटपर आर्यमहागिरि और-आर्यसुहस्ति मुरिजी विराजमान हुए, आर्यमहागिरि बडे त्यागी थे प्रायः जंगलों में रहकर आत्मसाधन किया करते थे, जिन कल्प के व्यवछेद होनेपर भी उस कल्पकी तुलना किया करते थे ! __ आर्यमुहस्तिसूरिजी वस्तिमें रहतेथे परंतु बडे निर्लेप थे. बारांवर्षी दुष्कालमे किसी एक भिक्षा
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