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अनेकान्त 68/3, जुलाई-सितम्बर, 2015
13. Ali Asaraf, Gandhian Approach to Sustainable Development (Gandhism after Gandhi) Mittal Publication, New Delhi, 1999, p. 13 14. Bhatt, Siddharth; Shukla, Dinesh, Gandhi & Peace, Devvrat Pathak Memorial Trust, Ahmedabad, p.93 15. आचार्य कुन्दकुन्द, प्रवचनसार, संपादक-हुकुमचन्द भारिल्ल, 16. Bondurant, Conquest of Violence, p. 227-229;
17.Sharp, Gene, The Positics of Nonviolent Action, Porter Sargent Publishers, Boston, 1985, p. 709
18. Sills, David L, International Encyclopedia of Social. The Macmillan, New York, 1972, Voll, III, p.236
19. जैन विश्व भारती, मार्च-मई, 2002ए पृ. 53 20. वही, पृष्ठ 53
- अध्यक्ष, अहिंसा एवं शांति विभाग, निदेशक, शोध, जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय,
___ लाडनूं (राजस्थान)
आवश्यक सूचनाएँ (१)अनेकान्त अंक 68/4 (अक्टू, दिस. 2015) “जैनधर्म एवं आयुर्वेद विशेषांक के रूप में प्रकाशित होगा। (२)अनेकान्त-शोध त्रैमासिकी है। संपादक मण्डल के निर्णयानुसार इसमें समाचार आदि प्रकाशित नहीं किये जाते हैं। (३)विद्वान लेखकों से अनुरोध है कि वे अपने अप्रकाशित एवं मौलिक शोधालेख ई-मेल अथवा कम्प्यूटर टाईप में ही भेजें। हाथ से सुलेख में लिखा भी भेजा जा सकता है, परन्तु फोटो कापी वाले लेखों पर विचार करना सम्भव नहीं होगा क्योंकि वे प्रायः अस्पष्ट होते हैं। (४) कृपया अनेकान्त के लिए भेजा गया लेख अन्यत्र जैन पत्रिकाओं में तब तक न भेजें जब तक उसकी अस्वीकृति की सूचना आपको न मिल जाये। लेख के प्रकाशित होने में कम से कम छह माह से एक वर्ष का समय लग सकता है। (5) अनेकान्त के इस अंक से आचार्य पं. जुगलकिशोर 'मुख्तार' संस्थापक वीर सेवा मंदिर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के सम्बन्ध में, आगामी प्रत्येक अंकों में स्थायी स्तम्भ के रूप में प्रकाशन सुनिश्चित किया गया है। इनके संबन्ध में पाठक विद्वानों के पास कोई संस्मरण हों तो भेजने की कृपा करें
____- संपादक