Book Title: Anekant 2015 Book 68 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 380
________________ अनेकान्त 68/4, अक्टू-दिसम्बर, 2015 प्रकाशक-ज्ञान भारती, रूपनगर, प्रकाशक-राजपल एण्ड संस, दिल्ली-7,प्रथम संस्करण-1988, कश्मीरी गेट, दिल्ली-6, प्रथम मूल्य : 35 रूपये। संस्करण-2000, मूल्य : 125 रुपये। (21) प्रेमचन्द के फटे जूते (व्यंग्य संग्रह), लेखक-हरिशंक परसाई, (24) स्पंदित प्रतिबिम्ब (कविता प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, नयी संग्रह) लेखक-अमरनाथ 'अमर', दिल्ली-3, तीसरा संस्करण-2004, प्रकाशक- किताबघर प्रकाशन, नयी मूल्य : 90 रुपये। दिल्ली-2, प्रथम संस्करण-2002, (22) अपना घर (चुनी हुई मूल्य : 150 रुपये। कविताएँ) लेखक-मुनि क्षमासागर, प्रकाशक- भारतीय ज्ञानपीठ, नयी (25) आवाज भी एक जगह है, दिल्ली-2, पहला संस्करण-2005, लेखाक-मंगलेश डबराल, मूल्य : 65 रूपये। प्रकाशक-वाणी प्राकशन, नयी (23) एक टुकड़ा बंसत (कविता दिल्ली-2, द्वितीय संस्करण-2004, संग्रह), लेखक-कन्हैयालाल नंदन, मूल्य : 100 रुपये। ग्रन्थ-समीक्षा भविष्यदत्त काव्य (महाकवि विबुध श्रीधर कृत) सम्पादन एवं अनुवाद- प्रो. डॉ. राजाराम जैन डी. लिट प्रकाशक- श्री भा. दि. जैन (धर्म संरक्षिणी) महासभा खण्डेलवाल जैन मंदिर परिसर, ५ राजा बाजार कनाट प्लेस, नई दिल्ली-१, प्रथम संस्करण- २०१५, मूल्य ९००रुपये, पृष्ठ-३४४ उक्त ग्रन्थ अभी तक अप्रकाशित था। जीर्ण-शीर्ण दुर्लभ पाण्डुलिपि से इसका सम्पादन व अनुवाद। प्रथमानुयोग- साहित्य की शैली में, समीक्षात्मक प्रस्तावना (लगभग 20 पृष्ठों) सहित उक्त ग्रन्थ, राष्ट्रपति सम्मान पुरस्कार (2000ई.) से पुरस्कृत डॉ. राजाराम जी ने रूपायित किया। पन्द्रह सर्गों में भविष्य दत्त की कथा- 1513 संस्कृत श्लोकों में निबद्ध है। ग्रन्थ के अन्त में शब्दानुक्रमणिका (18 पृष्ठों) महत्त्वपूर्ण हैं ग्रन्थ पठनीय तथा कथा-वस्त सरल बोधगम्य शैली में है।

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