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आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद
इस प्रकार इस उद्देशक २० में प्रायश्चित् स्थान की आलोचना अनुसार प्रायश्चित् देनेका और उसके वहनकाल में स्थापित प्रस्थापित आरोपणा का स्पष्ट कथन किया है । उद्देशक- २० - की मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण
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३४ निशीथ छेदसूत्र - १ - हिन्दी अनुवाद पूर्ण
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