Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 10
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 240
________________ महानिशीथ-३/-/६५२ २३९ भवस्थिति कायस्थितिवाले संसार में घोर दुःख में पड़े बोधि, अहिंसा आदि लक्षणयुक्त दश तरह का धर्म नहीं पा शकता । ऋषि के आश्रम में और भिल्ल के घर में रहे तोते की तरह संसर्ग के गुणदोष से एक मीठा बोलना शीख गया और दुसरा संसर्ग दोष से अपशब्द बोलना शीख गया हे गौतम ! जिस तरह दोनों तोते को संसर्ग दोष का नतीजा मिला उसी तरह आत्महित की इच्छावाले को इस पंछी की हकीकत जानकर सर्व उपाय से कुशील का संसर्ग सर्वथा त्याग करना चाहिए । अध्ययन-३-का मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण -३९/१-महानिशीथ-छेदसूत्र-६/१/हिन्दी अनुवाद पूर्ण महानिशीव सूत्र के अध्ययन पांच से आठ के लिए - भाग-११-देखना | भाग-१०-का हिन्दी अनुवाद पूर्ण |

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