________________ 95. 2222 ... नाट्याभिनयों का प्रदर्शन भगवान महावीर के जीवन-प्रसंगों का अभिनय नाट्याभिनय का उपसंहार गौतमस्वामी की जिज्ञासा : भगवान का समाधान सूर्याभदेव के विमान का अवस्थान और वर्णन सूर्याभविमान के द्वारों का वर्णन द्वारस्थित पुतलियां द्वारों के उभय पार्श्ववर्ती तोरण द्वारस्थ ध्वजामों का वर्णन द्वारवर्ती भौमों (विशिष्ट स्थानों) का वर्णन विमान के वनखण्डों का वर्णन मणियों और तृणों की ध्वनियां वनखंडवर्ती वापिकाओं आदि का वर्णन उत्पात पर्वतों आदि की शोभा वनखंडवर्ती ग्रहों का वर्णन वनखंडवर्ती मंडपों का वर्णन वनखण्डनवर्ती प्रासादावतंसक उपकारिकालयन का वर्णन पदमवरवेदिका का वर्णन मुख्य प्रासादावतंसक का वर्णन सुधर्मा सभा का वर्णन स्तूप-वर्णन चैत्यवृक्ष माहेन्द्र-ध्वज सुधर्मासभावर्ती मनोलिकायें, गोमानसिकायें माणवक चैत्य स्तम्भ देवशय्या प्रायुधगृह-शस्त्रागार सिद्धायतन उपपात आदि सभाएं पुस्तक रत्न एवं नन्दापुष्करिणी उपपातानन्तर सूर्याभदेव का चिन्तन सामानिक देवों द्वारा कृत्य-संकेत सूर्याभदेव का अभिषेक-महोत्सव अभिषेककालीन देवोल्लास अभिषेकानंतर सूर्याभदेव का अलंकरण 1MP" K 102 : 105 107 111 [13] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org