________________ विषयानुक्रमणिका शीर्षक प्रारम्भ चैत्य-वर्णन राजा सेय रानी धारिणी भगवान् का पदार्पण और राजा का दर्शनार्थ गमन सूर्याभदेव द्वारा जम्बूद्वीपदर्शन सूर्याभदेव द्वारा भगवान् की स्तुति सूर्याभदेव की प्राभियोगिक देवों को आज्ञा माभियोगिक देवों द्वारा प्राज्ञापालन संवर्तक वायु की विकुर्वणा अभ्र-बादलों की विकुर्वणा पुष्प-मेघों की रचना पाभियोगिक देवों का प्रत्यावर्तन सूर्याभदेव को उद्घोषणा एवं आदेश सूर्याभदेव की उद्घोषणा की प्रतिक्रिया सूर्याभदेव द्वारा विमाननिर्माण का आदेश पाभियोगिक देवों द्वारा विमान-रचना मणियों का वर्ण मणियों का गंध-वर्णन मणियों का स्पर्श प्रेक्षागह-निर्माण रंगमंच प्रादि को रचना सिंहासन की रचना सिंहासन की चदिग्वती भद्रासन-रचना समग्र यान-विमान का सौन्दर्य-वर्णन अाभियोगिक देव द्वारा आज्ञा-पूत्ति की सूचना सूर्याभदेव का पामलकल्पा नगरी की ओर प्रस्थान सूर्याभदेव का समवसरण में प्रागमन सूर्याभदेव की जिज्ञासा का समाधान सूर्याभदेव द्वारा मनोभावना का निवेदन वाद्यों और वाद्यवादकों की रचना सूर्याभदेव द्वारा नृत्य-गान-वादन का आदेश नत्य-गान आदि का रूपक [ 12 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org