Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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नायापम्पकहामो - 9/19/५
RII-2
गणं धम्मवरचाउरंतचक्कट्टिणा अप्पडिहययरनाणदंसणधरेणं जिणेणं जाणएणं बुद्धणं बोहएणं पुतेणं मोवगेणं तिण्णेणं तारएणं सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमच्याबाहमपुणरावत्तयं सासयं ठाणमुवगएणं संपत्तेणं पंचमस्स अंगस्स अयपट्टे पन्नत्ते छट्ठस्स णं भंते अंगस्स नायाधम्मकहाण के अढे पन्नत्ते जंबु ति अजसुहम्मे थेरे अजजंदूनाम अणगारं एवं वयासी-एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं छट्टस्स अंगरस दो सुयक्खंधा पत्रत्ता तं जहा-नावाणि य धम्मकहाओ य जइणं भंते समणेणं भगवया महावीरेणंजाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स दो सुयखंधा पन्नता तं जहा-नायाणि च धम्मकहाओ य पढमस्स णं भंते सुयक्खंधस्स समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं नायाणं कइ अज्झयणा पत्रत्ता एवं खलु जंवू समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं नायागं एगणवीसं अज्झयणा पन्नत्तातं जहा)- ५-१1-5-1 (६) उक्खित्तणाए संघाडे अंडे कुम्मे य सेलगे तुंबे य रोहिणी मल्ली मायंदी चंदिमाइय
11911-1 दावद्दवे उदगणाए मंडुक्के तेयली विय
नंदीफले अवरकका आइण्णे सुंसुमा इय (८) अवरे य पुंडरीए नाए एगूणवीसमे 141-5
(९) जइणं भंते समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं नायाणं एगूणवीसं अज्झयणा पत्रत्ता तं जहा-उक्खित्तणाए जाव पुंडरीए त्ति य पढपस्स णं भंते अज्झयणस्स के अट्टे पनत्ते एवं खतु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीये भारहे वासे दाहिणड्दभरहे राबगिहे नाम नयरे होत्था-वण्णओ गुणसिलए चेइए-बन्नओ तत्य णं रायगिहे नयरे सेणिए नामं राया होत्या-महताहिमवंत-महंत मलप-मंदर-महिंदसारे घण्णओ1६16
(१०) तस्स णं सेणियस्स रणो नंदा नामं देवी होत्या-सूमालपाणिपावा वणणओ तस्स णं सेणियम्स पुत्ते नंदाए देवीए अत्तए अभए नाम कुमारे होत्था-अहीण [पडिपुन्न-पंचिंदियसरीरे लक्खण-वंजण-गुणोववेए माणुम्माण-प्पमाण-पडिपुत्र-सुजाय-सव्वंगसुंदरंगे सप्सिसोमाकारे कंते पियदंसणे] सुरूवे सामदंडभेव-उवप्पयाणनीति-सुपउत्त-नय-विहण्णू ईहा-बूह-मागण-गवेसणअत्थसत्य-मइविसारए उप्पत्तियाए वेणइयाए कम्मयाए पारिणामियाए-चउब्विहाए बुद्धीए उववेए सेणिवस्स रणो बहू कज्जेतु य कुइंवेसु य मंतेसु य गुज्झेसु य रहस्सेसु य निच्छएसु य आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे मेढी पमाणं आहारे आलंवणं चक्खू मेढीमूह पमाणमूए आहारभूए आलंबणभूए चक्खुभूए सबकजेसु सदभूमियासु लद्धपञ्चए विइण्णवियारे रजघुरचिंतए यायि होत्या सेणियस्स रणो रजं च रद्रं च कोसं च कोटगारं च बत्तं च वाहणं च पुरं च अंतेउरं च सयमेव समुपेक्खमाणे-समुपेक्खमाणे विहरइ ७1-7
(११) तस्स णं सेणियस्स रमो धारिणी नाम देवी होत्या-[सुकुमाल-पाणिपाया जाव सुरूदा करयल-परिमित-तिवलिय बलियपज्झा कोमुइ-रणियर-विपल-पडिपुत्र-सोमवयणा कुंडलुल्लिहिय-गंडलेहा सिंगारागार-चारुवेसा संगय-गय हसिय-णिय-विहिय-विलास-सललिय- सलावनिउण-जुत्तोवयारकुसला पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडूरूवा सेणियस्स रण्णो इट्ठा कंता पिया मणुण्णा नामधेजा वेसासिया सप्पया बहुमया अनुपया भंडकरंडगसमाणा तेल्लकेला इव सुसंगांविया चेलपेडा इव सुसंपरिगिहीया रयणकरंडगो विव सुसाराक्खिया माणं सीयं मा णं उणहं
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