Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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नमो नमो निम्पन्न सणस्स पंचम गणपरत्री सुधास्वामिने नमः
|६ नायाधम्मकहाओ
| छई अंग सुतं । ॐ प ढ मो सु य खं धोक
पढमं अन्झयणं - उक्खित्तणाए । (१) ॐ नमः सर्वज्ञाय, तेणं कालेण तेणं समएणं चंपा नापं नयरी होत्या-वष्णओ 191-1
१२) तीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए पुत्रभद्दे नाम चेइए होत्था-वण]ओ।२।-2
(३) तत्थ णं चंपाए नवरीए कोणिए नाम राया होत्था-वपणओ1३1.3
(४) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणरस भगवओ महावीरस्म अंतेवासी अनसुहम्पे नामं थेरे जातिगंपन्न कलरांपने बल-स्व-विणय नाण-दसण-चरित्त-लाघव-संपन्ने ओवंसी तेबंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहे जिवाणं जियमाए जिवलोहे जिइंदिए जियनिद्दे जियपरीसहे जीवियास-मरणभयविष्पमुक्के तथप्पहाणे गुणप्पहाणे एवं-करण-चरण-निग्गह-निच्छय- अजयमद्दव-लाघव-खंति-गुत्ति-मुत्ति-विजा-मंत-बंभ-वेव-नय-नियम-सच्च-सोय-नाण-दसण - चरित्तप्पहाणे ओराले घोरे धोरच्या धोरतवरसी धोरवंभचेरवासी उचडूढसरीरे संक्तिविउल-तेबल से चोद्दमपुवी चउनाणोवगए पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं संपरिधुढे पुढ्याणुपुब्बि चरनाणे गामाणु गाम दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपा नयरी जेणेव पुत्रभद्दे चेइए तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहापडिम्यं ओणहं ओगिरिहत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति।४14
(५) तर णं चंपाए नयरीए परिसा निग्गया धम्मो कहिओ परिसा जामेव दिति पाउभूया तामेव दिसि पडिगवा तेणं कालेणं तेणं समएणं अजप्नुहम्मस्स अणगारस्स जेटे अंतेवासी अनजंदू नाम अणगारे कासव गोत्रोणं सत्तस्सेहे समचउरंस-संठाण-संटिए घइररिसह नारव-संघयणे कणग-पुलग-निघस-पम्ह-गोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे उराले घोरे घोरगुणे घोरतवमरी घोरवंभचरवासी उच्चढसरीरे संखित-बिउल-तेयले अनसहम्मस्स थेरस्त अदूरसामंते उड्ढेजाणु अहोगिरे झाणकोदो वगए रांजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ तए णं से अञ्जजंवूनामे अणगारे नायसढेि जावसंमए जाचकोडहले संजायसड्ढे संजायसंसए संजायकोउहल्ले उप्पत्रसड्ढे उज्यामसए उप्पन्नको उहल समुप्पन्नसड्ढे सपुष्पन्नसंसए सपुप्पत्रकोउहल्ले उठाए उठेइ उदेत्ता जेणामेव अन्नमुहप्पे थेरे तेणामेव स्वागच्छद उवागच्छिता अनसुहम्मे थेरे तिवखुत्तो आयाहिण पाहणं करेइ करेत्ता वंदइ नभंसद वंदित्ता नर्मसित्ता अजसुहम्मस्स थेरस्स नचासपणे नातिदूर मुम्मूसमाणं नमसमाणे अभिमुहे पंजलिउडे विणएणं पञ्जवासमाणे एवं वयाप्ती-जइ णं मंते समणणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं तित्थगरेणं सहसंबुद्धणं लोगनाहेणं लोगपईवेणं लोगप नोयनगणं अभवणणं सरणदाणं चक्द एणं मग्गदएणं धम्मदएणं धमादेसएणं धम्मनाय.
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