Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________ 4 परिशिष्ट सूत्रकृतांगसूत्र के सम्पादन-विवेचन में प्रयुक्त ग्रन्थ-स ची आगम ग्रन्थ आयारंगसूत्तं (प्रकाशन वर्ष ई. 1977) सम्पादक : मुनिश्री जम्बूविजय जी प्रकाशक : महावीर जैन विद्यालय, अगस्त कान्ति मार्ग, बम्बई 400036 आचारांग सूत्र (मूल-अनुवाद-विवेचन-टिप्पण युक्त) संयोजक एवं प्रधान सम्पादक : युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी सम्पादक-विवेचक : श्रीचन्द सुराना 'सरस' प्रकाशक : आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान) आचारांगसूत्रं सूत्र कृतांगसूत्रच (नियुक्ति टीका सहित) (श्री भद्रबाहुस्वामिविरचित नियुक्ति, श्री शीलांकाचार्यविरचित वृत्ति) सम्पादक-संशोधक : मुनिश्री जम्बूविजयजी प्रकाशक : मोतीलाल बनारसीदास इण्डोलोजिकल ट्रस्ट, बंगलो रोड, जवाहरनगर, दिल्ली 110007 अंगसुत्ताणि (भाग 1, 2, 3) सम्पादक : आचार्य श्री तुलसी प्रकाशक : जैन विश्व भारती, लाडनूं (राजस्थान) अस्थागमे (अर्थागम) खण्ड 1 (हिन्दी अनुवाद) / सम्पादक / जैन धर्मोपदेष्टा पं. श्री फूलचन्द जी म. (पुष्फभिक्खू) प्रकाशक: श्री सूत्रागम प्रकाशक समिति, 'अनेकान्त विहार' सूत्रागम स्ट्रीट, एस. एस. जैन बाजार, गुड़गाँव कैट (हरियाणा) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org