Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 825
________________ द्वितीय परिशिष्ट : विशिष्ट शब्दसूची। [ 243 परिग्गह परकड-परणि द्वितं 688 पलिपागमणचिन्ना 732, 733 परकारणं 664 पलिमोक्खं 717 परग 696, 698 पलिमंथगमादिएहि परधरपवेसे पलिमंथणं परदत्तभोइणो पलंबवणमालाधरा 714 परधम्मियवेयावडियं पवयणं परपरिवायातो पवाल 723, 745 परपाणपरितावण करा 713, 714, 715 पव्वगा 696 [2] परमठे 715 पन्वतग्गे 713 परमदुब्भिगंधा 713 पन्वयगुरुया 705 परलोए 651 पसज्झ 816 परलोगपलिमंथत्ताए 867 पसढविप्रोवातचित्तदंड 749, 750, 752 परलोगविसुद्धिए 867 पसत्थपुत्ता 647 परविद्धत्थं 723 पसत्थारो पराइयसत्त 647 पसवित्ता 713 713, 749, 751,807, पसारेह 856-860 पसासेमाणे परिग्गहियाणि 711 पसिणं परिणायसंगे पसुपोसणयाए परिणातकम्मे 678, 693 पसंतडिंबरमरं 646 परिण्णाय 755 पसंता 714 परिण्णायगिहवासे 693 पहीण 639, 643 परित्ता 804 पहीणपुव्वसंजोगा 666 परिनिव्वड 682, 711 पाईणं 646, 865 परिमितपिंडवातिया 714 पाउकव्वं परिमंडले 646 पाउं 797 परियागं 665 पागब्भिया 652 परिवारहे 695, 701, 708 पागासासणि 708 परिविद्धत्थं 723 पाडिपहिए 709 परिव्वाया, परिवाइया (परिव्राजक) 855 पाडिपहियभावं 709 परिसा (परिषद्) 646, 713 पाण 652,684,688,690, 708, परिसहोवसग्गा 718, 816,847, 852, 856, परेणं 855 857, 863, 865 पलालए 696 पाणकाले 688,710 पलिक्खीणं (परिक्षीण) 850 पाण-भूत-जोव-सत्त 861 पलिता 675 पाणवहेण 7yo murar Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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