Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ द्वितीय परिशिष्ट : विशिष्ट शब्दसूची] [255 714 orlmmom 714 सुवण्ण सुण्हामरणाणं 716 सेज्जेसे 854, 855 सुत्त 746, 750, 751, 802 सेणावतिपुत्ता 647, 654, 656 सुद्धहियया सेणावती 647 सद्ध सणिया 114 सेयकाले 707 सुद्धोदगाणं सेलगोल (शैलगोल) 852, 857, 858,865 सेवउ सुप्पडियाणंदा 714-715 सेवालत्ताए सुप्पणीयताए सेसदवियाए (शेषविका) सुब्भिगंधे 646 सेहाण सभगाकरं 708 सोंडीरा सुमणा 704 सोगंधिए 745 सुमह 815, 826 सोगंधियत्ताए 730 सुयमदेण (श्रुतमदेन) 703 सोग्गतिगामिणो 856, 860 सुया 750 सोच्चा 845, 866 सुराथालएणं सोणइए 706 सुरूवा 646,667, 664 711, सोणियाए 646,667, 668, 694, 711 सोतायो 713, 745 सोमलेसा 714 सुवयणं (सवचन) 866 सोयण (शोचन) 710, 713 708, 747, 746, 751, 752 सोयणताए (शोचनता) 751 सुव्वता (या) 714, 715 सोयरियभावं (सौदर्यभाव) 706 सुसंधोता 675 सोवियं (शौच) 686 सुसाहू 714 सोयं (श्रोत्र) 675 सुसीला 714, 715 सोवणियभावं (शौवनिकभाव) 706 सुस्सूसमाणेसु 686 सोवणियंतिए सही सोवणियंतिय (शौवनिकान्तिक) 706 सुहुतहुयासणो 714 सोवरिए 706 सुहुमा 707,866 सोवागि (श्वपाकी) 708 सूर 714,831 सोही 821 सूरकंतत्ताए संख 668, 713 संखाए 670 संखादत्तिया (संख्यादत्तिका) 714 714 713 संखं 713,849 सूलाभिण्णयं 713 संगइयंति (सांगतिक) सेउकरे 646 संग 807 सेए 636, 640, 641 संघाएण 714 सुविणं مر مر सूरकते सूरचरियं संखो सूलाइयं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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