Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ परिशिष्ट 1 सूत्रकृतांगसूत्र द्वितीय श्रुतस्कन्धान्तर्गत गाथानामकारादिक्रम सूत्रांक 772 776 766 2984 768 1774 0 780 778 776 गाथा सत्रांक गाथा 1. अजोग रूपं इह संजयाणं 816 28. णत्थि कोहे व माणे वा 2. अणादीयं परिणाय 26. णस्थि चाउरते संसारे 3. असेसं अवक्खंवयं वावि 783 30. णत्थि जीवा अजीवा वा 4. अहवा वि विद्ध ण मिलक्ख सूले 813 31. पत्थि देवो व देवी वा 5. ग्रहाकडाइं भुति 761 32. णत्थि धम्मे अधम्मे वा 6. अहिंसयं सव्व पयाणकंपी 811 33. पत्थि पुण्णे व पावे वा 7. प्रागंमागारे पारामागारे 801 34. पत्थि पेज्जे व दोसे वा 8. आरंभयं चेव परिग्गहं च 806 35. णत्थि बंधे व मोक्खे वा 9. इच्चेतेहिं ठाणेहि 786 36. पत्थि माया व लोभे वा 10. इमं वयं तु तुम पाउकुवं 797 37. णत्थि लोए अलोए वा 11. उड्ढं अहेय तिरियं दिसासु 800 38. णत्थि साहू असाहू वा 12. एएहिं दोहि ठाणेहि 758 36. णत्थि सिद्धी प्रसिद्धी वा 13. एगंतमेव अदुवा वि इण्हि 786 40. पत्थि सिद्धी नियं ठाणं 14. एतेहि दोहिं ठाणेहिं 756, 758, 760, 41. तं भुजमाणा पिसितं पभूतं 762, 764 42. ते अण्णमण्णस्स वि गरहमाणा 15. एवं न मिज्जति न संसरंति 834 43. दक्खिणाए पडिलंभो 16. कल्लाणे पावए वावि 782 44. दयावरं धम्म दुगुछमाणे 17. गंता व तत्था अदुवा अगता 804 45. दीसंति समियाचारा 18. गोमेज्जए य रुयए अंके 745 46. दुहतो वि धम्ममि समुठ्ठिया मो। 16. चंदणं गेरुयं हंसगब्म 745 47. धम्म कहतस्स उ पत्थि दोसो 20. जमिदं उरालमाहार 763 48. नवं न कुज्जा विहुणे पुराणं / 21. जे केति खुड्डगा पाणा 756 46. नाकाम किच्चा ण य बाल किच्चा 22. जे गरहितं ठाणमिहा वसंति 837 50. निग्गंथ धम्ममि इम समाही 23. जे यावि बीयोदग भोति भिक्खू 766 51. पण्णं जहा वणिए उदयट्ठी 24. जे यावि भुजंति तहप्पगारं 825 52. पिण्णागपिंडीमवि विद्ध सूले 25. णत्थि पासवे संवरे वा 770 53. पुढवी य सक्करा बालुगा य 26. गस्थि कल्लाणे पावे वा 781 54. पुराकडं अद्द ! इमं सुणेह 27. णत्थि किरिया प्रकिरिया वा 772 55. पुरिसे त्ति विण्णत्ति ण एवमस्थि 824 803 999 595 805 812 745 787 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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