Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ गेरुय 745 714 COM Wor or or orm P द्वितीय परिशिष्ट : विशिष्टशब्दसूची ] [235 गुत्तबंभचारि 707,714 चउप्पयथलचरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं गुत्तिदिय 707,714 चउम्मासिए 714 गढायारा 705 चउरतणंताय 206 चउरंस 646, 713 गोधातगभावं 706 गोण चउम्बिहे 706, 710 गोणलक्खणं चक्कलक्खणं 708 गोणसालानो (गोशाला) 710 चक्खु 675 गोत (य) म 245, 846, 848, 051, चक्खुपम्हणिवातं 707 852,868, 870-873 चडग 668 गोत्तेणं 845 चत्तारि 643, 702, 710 गोपालए चम्मकोसं गोपालगभाव 704 चम्मगं गोमेज्जए चम्मच्छेदणगं गोरि (गौरी) 708 चम्मपक्खीणं गोह (गोधा) 713, 736 चम्मलक्खणं 708 गंठिच्छेदए 706 चरणकरणपारविदु (चरण-करण-पारवेत्ता) गंठिच्छेदगभावं 709 चरणोववेया गंठोगा 757 चरित्तं गंडीपदाणं 734 चाउद्दसट्ठदिट्ठपुण्णमासिणीसु 715, 856 857, 865 गंधमंत चाउप्पाइयाणं गंधा 668, 713, चाउरंत (चतुरंत) 720, 776 गंधारि चाउरंतसंसारकंतारं गंधेहिं चारगबंधणं गंभीरा 714 चाउज्जामातो 872, 873 घत्तं 846 चितासोगसागरसंपविट्ठ घरकोइलाणं (गृहकोकिला) 736 चित्त 746, 750 घाण 675 चिरट्ठिती (इ) या 850, 852, 856 घातमाणे 858,862, 865 घराओ 710 चिलिमलिगं (देशो-परदा) 710 घोडगसालानो (घोटकशाला) चेतियं 687, 866 घोरम्मि चेलगं 710 घोलणाणं 716 चोए 650 चउत्थे 642, 647, 668 चोद (य) ए (चोदक) 748,746 चउपंचमाई 706, 713, 853, 854 चोदग (क) 748, 750 G 867 गंडे WM Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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