Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 822
________________ 240 ] [ सूत्रकृतांगसूत्र--द्वितीय श्रतस्कन्ध 702 दोच्चे दुखुराणं 734 देवी 777 दुगुछमाण 800, 817, 827, 831 देसावकासियं दुग्गइगामिणो 858 देसे 638,846, 848, 852, 853, दुग्गं (दुर्ग) 854, 856, 857, 858, 865 दुट्टे (दुष्ट) 640 दुद्धरिसा (दुर्धर्ष) 714 दोणमुहघायंसि 366 दुपच्चक्खायं-दुपच्चक्खावियं दोमासिए 714 दुप्पडियाणंदा 713, 858 दोस 683, 775, 761 दुप्पणीयतराए (दुष्प्रणीततर) 848 दोहम्गाणं 716 दुब्बलपच्चामित्ते 646 दंडगुरुए 704 दुब्भगाकरं दंडगं 710 दुभिगंधे 646 __ दंडणाणं 716, 720 दुम्मण 702, 704 दंडपासी (दण्डपाशिन) 704 दुरहियास (दुरध्यास, दुरधिसह) 713 दंडपुरक्खडे (दण्डपुरस्कृत) 704 दुरूवसंभवत्ताए 738 दंडलक्खणं 708 दुरुवा 646, 667, 664, 711 दंडवत्तिए 667 दुल्लभबोहिए दंडसमादाण 664-666 दुवण्णा 646, 667, 664. 711 दंडायतिया (दण्डायतिक) 714 दुवालसमे 714 दंडेण 676, 704 दुवालसंग दंडेह 713 दुविहं 713, 846. 851-854, 865 दुवे 751 दंत 663, 666, 761 दुव्वत्ता (दुवता) 713 दंतपक्खालणणं 681 दुस्सीला 713 दंभबहुले 713 732, 734 सण 804, 867 दुहाय धण 668,713 668 धण्णं 668, 713 देव 664, 710, 777 धम्म 652,664,754, 791, 811 देवगणेहिं 715 831, 832,835, 836. 841, 714, 715 854, 872, 873 714, 715 धम्मकहं 645 देवयं 866 धम्मटठी 662 देवलोगा 834 धम्मतित्थं 645 देवसिणाए (देवस्नात) 710 धम्मपक्खस्स 711, 714,715 देवा 826 धम्मविद् देवाणुप्पिया 710, 873 धम्म सवणवत्तियं 854, 855 दंड or xxxa.orm arror दुहत्तो दूसं देवत्ताए देवलोएस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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