Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 816
________________ 0 0 $ $ & खणं 708 गरुयं खलु 234 ] [ सूत्रकृतांगसूत्र-द्वितीय श्रुतस्कन्ध कंटका (ग) बोंदियाए (कटक बोंदिया-देशी) 710 खंधाणं 722 कंठमालकर्ड गगणतलं 714 कंदजोणियाणं गणतो 788 कदत्ताए 723 गणिपिडग कंदाणं गतिकल्लाणा 714 कंदुकत्ताए 728 गतिपरक्कमण्णु 636, 641-643 कंबल 652, 707 गद्दभसालायो कंसपाई 714 गद्दभाण कंसं गब्भ खग्गविसाणं 714 गब्भकरं खणह गमा 746 गयलक्खणं खत्तिए 646 गरहणामो 714 खत्तिय 834 गरुए 646,713 खत्तियविज्ज 708 704, 713 खलदाणेणं 710 गहणविदुग्गंसि 676 गहणंसि खहचरपंचिदियतिरिक्खजोणियाण 737 गहाय 718, 873 खाइमेण 652 गहियट्ठा 715 खारवत्तियं 713 गाउसिणं 737 खिसणाप्रो 675 खुड्डगा 756 गामकंटगा (ग्रामकण्टक) 714 खुद्दा 713 गामघायंसि खुरप्पसंठणसंठिता 713 गामणियंतिया 712, 861 खुरुदुगत्ताए 738 गामंतिया 706 खेत्त (य) ण्ण(न) 636, 640, 641 गारस्थ (अगारस्थ) 853 643, 680 गाहावइ (ति) पुत्त 710, 746, 854 खेतवत्थु (त्थू) शि 667, 711 गाहावति 710,746, 843, 844 खेत्तं 846, 854, खेमंकरे 646, 760, 865 गाहावतीचोरग्गहणविमोक्खणयाए 846, 846 खेमंधरे 646 गिद्धा 713,808,824 खोतरस (इक्षुरस) 650 खोराणं गिहपदेसंसि 845 खंत 663, 761 गिहिणो 836 खंधत्ताए 723 गुणे 710, 761816 खंधबीया 722 गुत्त 663, 707,714, 846 714 गाते 666 or mro गिल्लि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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