Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ द्वितीय परिशिष्ट : विशिष्ट शब्दसूची] [ 237 mmm Mr 714 754 666 णपुसगत्ताए 732 णिप्फाव (निष्पाव) गपुसगं 732 णियडि (निकृति) णयणुप्पाडिययं 713 णियडिबहुले णरग 703, 713 णियतिवातिए णरगतलपतिल्टाणे 713 __णियागपडिवन्न (नियागप्रतिपन्न) णरगाभिसेवी 830 णियामरसभोई (निकामरसभोजी) णरं 813 णि (नि)यंठा 845, 853, 854, 855 णवणीयं 50 णिरए णवमें 703 णिरवसेसं णहाए 96 णिरंगणा णाइणं पिलिज्जमाणे 698 णाइहे 665 णिस्साए 706 णाण 836, 837 णीयागोता(या) 667, 664,711 णाणज्भवसाणसंजुत्ता 666 णीले 646 णाणाछंदा णेत्तण 704 णाणादिट्ठी 666 णेयाउए (नैर्यात्रिक) 848, 852, 854, 856 जाणापन्ना णाणारुई 666 सज्जिया (नैषधिक) 714 णाणारंभा 666 णो-किरियं 664 णाणावण्णा 723, 724, 729, 736, 743 मोहवाए 639, 640, 641 745 ___ हाणुम्मद्दणवण्णग 713 णाणाविहजोणिएसु 726, 720 ___ हारुणीए (स्नायु) 696 णाणाविहजोणिय 723, 725, 743, 745 तउय (पुक) 745 णाती 810 तउवमे 805 णातिसंजो (यो) गं 674, 766,806 तक्क 751 णाते 644 तच्चे 641, 667 गायओ 667, 671 तज्जण 713,714, 716 णा(ना)यहे 700, 704 तज्जातसंसटठचरगा णिक्खित्तचरगा (निक्षिप्त चरक) 714 तज्जिज्जमाणस्स 676 णिक्खिवमाणस्स 707 तज्जीव-तस्सरीरिए 653 णिग्गंथ 661 तज्जेह 713 / णिच्चरति तज्जोणिय 723-725-731, 738 णिच्चंधकारतमसा तण 696,668,725, 726, 731 णिज्जिण्णा 707 तणजोणिएस 726. णितिए 680, 815, 826, 830 तणत्ताए णिद्ध 646 तणमातमवि 655,657 714 705 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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