Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 811
________________ द्वितीय परिशिष्ट : विशिष्ट शब्दसूची ] [226 708,861 856, 857 682 840 708 763, 764 747 (746) 722 821 723 710 675 748 718 ग्राहंस 647 मायाणं 731 आसुरियाई आयामेत्ता प्रासंदिपेढियायो आयारसीले 832 प्रासंसं आयारो 661 ग्राहट्ट द्दसियं पायावगा 714 पाहव्वणि आयाहिणं 873 पाहाय कम्म आयाहिते आहारगुत्ते पायबिलिया 714 आहारपरिणा आरणिया 706,712, 861 पाहारिया पारामागारे 801 आहारेंति नाराहेति 714 आहरेमो आरिए (आर्य) 714,715, 716 आहारोवचियं आरिय (आर्य) 646, 667,705, 711, 732, 803 इगालाण पारेण 854, 855 इक्कड़ा आरोप्प (प्रारोप्य) इक्खागपुत्ता प्रारंभठाणे 716 इक्खागा आरंभयं इञ्चत्थतं प्रारंभसमारंभ 710,713 इच्चेवं प्रारंभसमारंभट्ठाणे 716 इच्छापरिमाण प्रारमेणं 710 इच्छामो पालावग 711, 728, 726, 743, इड्ढीए प्रालिसंदग 713 आलु पह इन्हि पालोइयपडिक्कता इत्तरिए पावसहिया 706,861 इस्थिकामभोगेहिं आवसंति इथिकामेहि आविट्ठवेमो इत्थित्ताए आविद्धमणिसुवण्णे इत्थियाओ प्रासण इथिलक्खणं प्रासमस्स इत्थीए आसव-संवर-वेयण-णिज्जर-किरिया-ऽहिकरण- इत्थिगुम्मसंपरिवुडे बंध-मोक्खकुसला 715 इदा (या) णि प्रासालियाणं 735 इमे आसुप्पण्णे 754 इरियावहिए आसुरिएसु 706 इरियावहिया 828 753 856 872, 873 714 इणठे 750 786 703 653 Urmy owowa Wo 064 732, 734 763, 765 708 732-735 854, 855 766 664 707 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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