Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 807
________________ द्वितीय परिशिष्ट : विशिष्ट शब्दसची] [225 विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः अण्णाणियवादीण 717 अन्न( = अन्न) 688,660,708, 710 अण्णातचरगा 714 अन्न(अन्य) 667 अतिप्रातरक्खे 710 अन्नहा 105 अतिउटटंति 661 अन्नि (अन्याम्) 667 अतिय रंति 846 अपच्चक्खाणी 747 अतीत 80, 707 अपच्चक्खायं 852,856, 858,864 प्रतेणं 66 अपच्छिममारणंतियसंलेहणाभूसिया 857, 865 अत्थी 817 अपडिबद्धा 714 अत्थेहि 802 अपडिविरता 710 अथिर 788 अपत्तियबहले 713 अदि 870 अपरिग्गह 677,713, 714,860 अदिठ्ठलाभिया 714 अपरिभूते 843 अदिण्णादाण 856 अपसू अदिण्णं 701 अपस्सतो 748, 746, 751 अदुक्खं 682 अपासो 752 अदुत्तरं 708, 714 अपुठ्ठलाभिया अदंतवणगे 714 अपुत्ता अद्धमास 713 अपुरोहिता अद्धमासिए 714 अपेच्चा अद्धवेतालि अपंडित 640, 641 अधम्मक्खाइ अप्पकंपा 714 अधम्मपक्खस्स 664,710,713, 717 अप्पडिविरता(य 713, 715, 858, 860 अधम्मपलोइणो 713 अप्पडिहयगती अधम्मपायजीविणो 713 अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे 747, 746, 751 अधम्मलज्जणा 713 अप्पत(य)र(रा)गा 852, 856,858 अधम्मसीलसमुदायारा 713 अप्पणा 861 अधम्माणुया 713 अप्पणो 866 अधम्मिया अप्पतरो 713, 853,854 अधम्म 664,713, 767 अप्प(प)त्त 636, 640, 641, 642, 643 अनिरए 651 अप्पपरिग्गहा 715, 860 अनिव्वाणमग्गे 710 अप्पमत्ता अन्नउत्थिया 645 अप्पयरा अन्नकाले (अन्नकाल) 688,710 अप्पाउया अन्नगिलातचरगा 714 अप्पाण(णं) 714,786, 835, 836 अन्नयर 855 अप्पारंभा 715, 860 ord www. . 714 667 864 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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