Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ ॐ अहं जिनागम-प्रन्थमाला : प्रन्थाङ्क-१० [परमश्रद्धय गुरुदेव पूज्य श्रीजोरावरमलजी महाराज को पुण्यस्मृति में प्रायोजित ] पंचम गणधर भगवत् सुधर्मस्वामि-प्रणीत : द्वितीय अंग सूत्रकृतांगसूत्र - (द्वितीय श्रुतस्कन्ध) [ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद-विवेचन-टिप्पण-परिशिष्ट युक्त ] सन्निधि // उपप्रवर्तक स्वामी श्रीब्रजलालजी महाराज संयोजक तथा प्रधान सम्पादक 0 श्री स्थानकवासी जैन श्रमण संघ के युवाचार्य श्रीमिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' सम्पादक--अनुवादक-विवेचक D श्रीचन्द सुराना 'सरस' प्रकाशक श्री प्रागमप्रकाशन-समिति, ब्यावर, राजस्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org