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विविध पूजन संग्रह
श्री १०८ पार्श्वनाथ प्रगट प्रभावी अभिषेक महापूजन
प्रथम स्नात्र पूजा पढानी - चार पाट पर फुट-मिठाई आदि जमाना । पाट पर १०८ साथीया लाल कपडा बिछाकर करना । दरेक पूजा पर श्लोक बोलकर पार्श्वनाथ भगवान का नाम क्रमवार बोलना । स्वाहा शब्द पर थाली बजाना । परमात्मा को अष्टप्रकारी पूजा करना । साथीये पर पानसुपारी-श्रीफल-पेडे-१। रुपीया अर्पण करना । अन्त में १०८ पूजा होने के बाद पूरा पक्षाल-आंगी अष्टप्रकारी पूजा विस्तृत करनी । फिर १०८ दिपक आरती मंगल दिवो-शान्तिकलश-चैत्यवंदन-फिर विसर्जन अविधि आशातना मिच्छामि दुक्कडम् ।
(नमोऽर्हत्...) सुपवित्र तीर्थनीरेण, संयुतं गन्धपुष्प संमिश्रम् । पततु जलं बिम्बोपरि, सहिरण्यं मन्त्र परिपूतम् ॥१॥ जिनबिम्बोपरिनिपतद्-घृत दधिदुग्धादि द्रव्य परिपूतम् । दर्भोदक संमिश्र, पञ्चसुधा हरतु दुरितानि ॥२॥ ॐ रोग जल जलण विसहर-चोरारिमइँद गय रण भयाइँ । पास जिण नाम संकित्तणेण, पसमंति सव्वाइँ स्वाहा ॥३॥
ॐ ही श्री परमपुरुषाय, परमेश्वराय, अनन्तानन्तज्ञानशक्तये, जन्मजरामृत्युनिवारणाय धरणेन्द्र
श्री १०८ पार्श्वनाथ अभिषेक पूजन
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