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विविध पूजन संग्रह
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॥ श्री गौतमस्वामी की स्तुति ॥ सर्वाभिप्सितदातारं, लब्धिनामधिनायकम्, पुष्पाञ्जलिं प्रयच्छामि, संघकल्याण हेतवे । अंगुठे अमृत वसे, लब्धितणा भण्डार । श्री गुरु गौतम समरीए वांछित फल दातार ॥ कुसुमांजलि से वधाना और थाली बजाना ॥
शुद्धिकरण विधान (१)- सर्वप्रथम असुरनिकाय के वायुकुमार देवता का अठान मुद्रा द्वारा आह्वान करना ।
“ॐ ह्रीं वातकुमाराय विघ्नविनाशकाय महीं पूतां कुरु कुरु स्वाहा ॥"
(थाली बजाकर मण्डल के चारों तरफ मोर पीछी या खेस (दुपट्टा) से भूमि प्रमार्जन करना ।) (२) मेघकुमार देव से प्रार्थना
"ॐ ह्रीं मेघकुमाराय धरां प्रक्षालय प्रक्षालय हु फुट् स्वाहा ॥" (पूरी थाली बजाकर चारो तरफ सुवर्ण जल की वर्षा (वृष्टि ) करना ।
गौतमस्वामी पूजनविधि
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