Book Title: Vividh Pujan Sangraha
Author(s): Champaklal C Shah, Viral C Shah,
Publisher: Anshiben Fatehchandji Surana Parivar
View full book text
________________
श्री अष्टोत्तरी व शान्तिस्नानादि विधि
(४) नवग्रहनुं विसर्जन- (१) ॐ नमः आदित्याय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजांबलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा । (२) ॐ नमश्चन्द्राय-बाकी पूर्ववत् (३) ॐ नमो भौमाय-बाकी पूर्ववत् (४) ॐ बुधाय-बाकी पूर्ववत् (५) ॐ नमो बृहस्पतये-बाकी पूर्ववत् (६) ॐ नमः शुक्राय-बाकी पूर्ववत् (७) ॐ नमः शनैश्चराय-बाकी पूर्ववत् (८) ॐ नमो राहवे-बाकी पूर्ववत् (९) ॐ नमः केतवे-बाकी पूर्ववत् (५) दशदिक्पाल विसर्जन-(१) ॐ नमः इन्द्राय-बाकी पूर्ववत्। (२) ॐ नमो अग्नये-बाकी पूर्ववत्। (३) ॐ नमो यमाय-बाकी पूर्ववत्। (४) ॐ नमो नैऋताय-बाकी पूर्ववत्। (५) ॐ नमो वरुणाय-बाकी पूर्ववत्। (६) ॐ नमो वायवे-बाकी पूर्ववत्। (७) ॐ नम धनदाय-बाकी पूर्ववत्। (८) ॐ नमो ईशानायबाकी पूर्ववत्। (९) ॐ नमो ब्रह्मणे-बाकी पूर्ववत्। (१०) ॐ नमो नागाय-बाकी पूर्ववत्।
॥९४ ॥
श्री अष्टोत्तरी व शान्तिस्नानादि
विधि
॥९४॥
Jain Education n
ational
For Personal & Private Use Only
www.ininelibrary.org

Page Navigation
1 ... 261 262 263 264 265 266