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विविय पूजन संग्रह
सहस्र-खण्डान् कुरु कुरु, परमुद्रां छिन्द-छिन्द, परमन्त्रान् भिन्द-भिन्द हूँ क्षः फूट् स्वाहा ॥"
(सात बार बोलकर मंत्रित करना) (१३) रक्षापोट ली बाँधने का विधान
कम से कम एक आयंबिल और तीन दिन ब्रह्मचर्य पालन का नियम-अशक्त वृद्ध-बाल की परिस्थिति में कम से कम नवकारशी-पूजा-सामायिक का नियम लेकर ही मंत्र के द्वारा रक्षा पोटली बांधना। “ॐ नमोऽर्हते रक्ष
स्वाहा ॥" (थाली बजने पर रक्षापोट ली बांधना) (१४) पीठ स्थापना
(श्री महावीर परमात्मा व गुरु श्री गौतमस्वामी या यंत्र जिस थाले या बाजोठ पर बिराजित हो उस पर हाथ रख कर मंत्र बोलना ।)
"ॐ अर्ह महावीरजिनेन्द्र, गुरु गौतमस्वामी अत्र सहस्रपत्रकनककमलपीठे तिष्ठतिष्ठ ठः ठः स्वाहा ॥"
श्री
गौतमस्वामी पूजनविधि ॥१०४॥
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